नए रंग, रूप में पट‎रियों पर दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन, ‎किए 10 बदलाव

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नई दिल्ली। नई वंदे भारत ट्रेन नए रंग रुप तथा बदलावों के साथ अगले साल से पट‎रियों पर दौड़ेगी। हालां‎कि इसके ‎लिए अभी ट्रायल चल रहा है, य‎दि रेलवे ने अनुम‎ति दे दी तो नई वंदे भारत नारंगी व स्लेटी रंग में ‎‎‎दिखेगी। हालां‎कि केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव ने शनिवार को नई वंदे भारत की तस्वीरें शेयर कीं। इसमें वंदे भारत का रंग बदला हुआ दिख रहा है।

अभी तक वंदे भारत नीले और सफेद रंग के मिश्रण के साथ आती थी लेकिन अब नई वंदे भारत को नारंगी और स्लेटी (ग्रे) रंग में बनाया जा रहा है। इस वंदे भारत का निर्माण उसकी जन्मस्थली इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएसफ) चेन्नई में ही हो रहा है। आईसीएसफ के वरिष्ठ पीआरओ वेंकेटेश जीवी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि इस रंग को ट्रायल के तौर पर पेश किया गया है और एक रेल बोर्ड की अनुमति के बाद ही इसे फाइनल किया जाएगा।

नई वंदे भारत अगले साल तक पटरियों पर आने की उम्मीद है। हालांकि, इसमें केवल रंग ही नहीं बदला जा रहा है। ब‎ल्कि नई वंदे भारत में कई बदलाव किये जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नई वंदे भारत में 10 बड़े बदलाव किये जा रहे हैं। इसमें बेहतर सीट से लेकर दिव्यांगों के लिए उन्नत सुविधाएं आ‎दि शामिल हैं।

जरुरत के ‎हिसाब से नई वंदे भारत में सीट का डिक्लाइनिंग एंगल बढ़ा दिया गया है। यानी इसे और पीछे की ओर झुकाया जा सकेगा जिससे कि लोगों को अगर नींद आए भी तो वे चेयरकार में भी आसानी से सो सकें। सीटों को और गद्देदार बनाया गया है, ताकि लंबे सफर में ज्यादा परेशानी न हो।

मोबाइल चार्जिंग पॉइंट तक पहुंच को और आसान कर दिया गया है। एग्जीक्यूटिव चेयरकार में फुट रेस्ट एरिया को और बढ़ा दिया गया है। साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए वॉश बेसिन की गहराई बढ़ा दी गई है ताकि पानी के छींटे बाहर न आएं। इसके अलावा टॉयलेट्स में रोशनी बढ़ाने के लिए और बेहतर लाइट्स लगा दी गई हैं।

इन सभी बदलाव के साथ ही नई वंदे भारत में एक नई सुविधा जोड़ी गई है। दिव्यांगों की व्हीलचेयर के लिए कोच के अंदर फिक्सिंग पॉइंट्स दिए जाएंगे। वहीं रीडिंग लैंप टच को को रेजिस्टिव टच से कैपिसिटिव टच में बदल दिया गया है। ता‎कि इस्तेमाल करना काफी आसान होगा। खिड़कियों के पर्दों को बेहतर कर दिया गया है। एंटी क्लाइम्बिंग डिवाइस भी लगाई गई है ता‎कि ट्रेन को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके। इन सारे बदलावों के साथ नई वंदे भारत ट्रेन अगले साल तक बनकर आ जाएगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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