नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीआईपी सुरक्षा के बजट में बढ़ोत्तरी की है। हर महकमा जो इस तरह की यूनिट से जुड़ा है, उसके बजट में इजाफा किया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 को लेकर नजर डालें तो पता चलता है कि वीआईपी सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों में सबसे ज्यादा बजट में इजाफा प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी एसपीजी का हुआ है। इसके बाद सीआरपीएफ का नंबर आता है, जो कई अहम लोगों को जेड प्लस और जेड केटेगरी की सुरक्षा देती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जेड प्लस केटेगरी की सुरक्षा मिली है। उनकी सुरक्षा पर सरकार करीब डेढ़ लाख रुपए रोजाना खर्च कर रही है, यानी महीने में करीब 50 लाख रुपये। हालांकि राहुल गांधी अकेले नेता नहीं हैं, जिन पर इतना खर्च हो रहा है। सीआरपीएफ कुल मिलाकर 129 लोगों को अलग अलग केटेगरी की सुरक्षा मुहैया करवाती है। सबसे ज्यादा जेड और जेड प्लस केटेगरी की सुरक्षा ये ही बल अहम लोगों को देता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल सीआरपीएफ 21 लोगों को जेड प्लस श्रेणी की और 26 लोगों को जेड केटेगरी की सुरक्षा देती है।
वित्त मंत्रालय ने इस साल सीआरपीएफ का इस सत्र में 31,772 करोड़ रुपये का बजट पारित किया है। अगर अधिकारियों की मानें तो इसमें से 774 करोड़ से ज्यादा वीआईपी सुरक्षा के लिए दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ सीआरपीएफ के बाद जिसके पास सबसे ज्यादा जेड श्रेणी के लोगों की सुरक्षा है वो है, सीआईएसएफ।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल सीआईएसएफ 144 लोगों को सुरक्षा देती है, जिसमें 9 लोग जेड प्लस श्रेणी के हैं और 11 लोग जेड श्रेणी के हैं। इसके बाद आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी करीब 70 लोगों को जेड प्लस और जेड श्रेणी की सुरक्षा देती है। एक अधिकारी ने बताया, “औसतन जेड प्लस पर 50 लाख और जेड पर 40 लाख रुपये महीने का खर्च आता है।
इस साल के बजट में एसपीजी को 433 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। पिछले साल एसपीजी का बजट 411 करोड़ था। यहां यह बताना भी अहम है की एसपीजी अब सिर्फ प्रधानमंत्री को ही सुरक्षा प्रधान करती है यानी प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने पर सरकार 1.18 करोड़ रुपए हर रोज या 36 करोड़ रुपए महीना खर्च करती है।