वक्फ संशोधन बिल: लोकसभा में कल 12 बजे पेश होगा, 8 घंटे चर्चा, फिर उसी दिन पारित करने की तैयारी

Manisha singh
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वक्फ संशोधन बिल: लोकसभा में कल 12 बजे पेश होगा, 8 घंटे चर्चा, फिर उसी दिन पारित करने की तैयारी

Waqf Amendment Bill, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। यह बिल कल, यानी 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस पर मुहर लग गई है और अब इस बिल पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय तय किया गया है। चर्चा के बाद इसे लोकसभा में पारित किया जाने की संभावना है।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि बीजेपी अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी करेगी, ताकि वे सदन में उपस्थित रहें। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह सदन की सहमति से ही होगा।

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रिजिजू ने कहा, “अगर कोई सदस्य चर्चा से बाहर जाने की कोशिश करता है तो हम उसे रोक नहीं सकते, लेकिन हम चाहते हैं कि सभी सदस्य खुलकर अपनी बात रखें।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस बिल को 2 अप्रैल को ही लोकसभा से पारित कराना चाहती है।

विपक्ष ने किया वॉकआउट

विपक्षी दलों ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक से वॉकआउट कर दिया, क्योंकि सरकार ने पहले चार से छह घंटे चर्चा का प्रस्ताव रखा था, जबकि विपक्षी दलों ने इसे 12 घंटे तक बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि, बाद में आठ घंटे चर्चा के प्रस्ताव पर सहमति बनी और अब इस समय को बढ़ाया भी जा सकता है।

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सांसदों को उत्तेजित न होने के निर्देश

सरकार ने वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान सांसदों को उत्तेजित न होने के निर्देश दिए हैं। सभी सांसदों से कहा गया है कि वे अपनी बात मर्यादित तरीके से रखें, ताकि सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट न चढ़ जाए। इसके साथ ही, बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों से भी सदन में अपने सभी सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

विपक्ष की मांग

विपक्षी दलों का कहना है कि इस बिल पर 12 घंटे चर्चा होनी चाहिए, ताकि सभी पक्ष अपनी बात रख सकें। लेकिन सरकार ने केवल दो दिन की अवधि का हवाला देते हुए इस समय सीमा को बढ़ाने से इनकार किया।

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संसद का महत्वपूर्ण कदम

किरेन रिजिजू ने इस बिल की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है और रिकॉर्ड में दर्ज होगा कि किसने समर्थन किया और किसने विरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल को लेकर कई मुस्लिम संगठन भी समर्थन कर रहे हैं।

बिल की पारित होने की प्रक्रिया

लोकसभा में चर्चा के बाद, इस बिल को राज्यसभा में भी पेश किया जाएगा। इस दौरान दोनों सदनों में इसे पारित कराना सरकार की प्राथमिकता होगी।

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