उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी वर्षा ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है, विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार में। नेपाल में हो रही मूसलधार बारिश के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे स्थिति चिंताजनक बन गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन राज्यों में अगले 72 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है।
स्थिति का विवरण
बिहार के 20 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। पटना में IMD के मुख्यालय में 24 घंटे और तीन पाली में वार-रूम सक्रिय किया गया है। पूर्वांचल और अवध के जिलों में पिछले तीन दिनों से हो रही वर्षा के कारण वज्रपात और दीवार गिरने की घटनाओं में 10 लोगों की जान चली गई है, जबकि 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घाघरा और राप्ती नदियों के उफान पर होने के कारण कई जगहों पर सड़कों पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित हो गया है।
प्रमुख घटनाएं
- अंबेडकरनगर: कच्ची दीवार गिरने से एक वृद्ध की मौत हुई है।
- सुलतानपुर: यहां कच्चे घर की दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत और एक महिला घायल हुई है।
- आजमगढ़: वज्रपात की चपेट में आकर एक चरवाहे की मौत हो गई।
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में वाल्मीकिनगर बराज से चार लाख 74 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। गौनाहा के 200 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।
सिक्किम में भूस्खलन
सिक्किम में भी चार दिनों से लगातार बारिश ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। भूस्खलन के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने नागरिकों से अनावश्यक यात्रा से बचने और सावधानी बरतने की अपील की है।
सावधानियां और सुझाव
IMD द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार, सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रहने और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है। नागरिकों को भी सुरक्षित स्थानों पर रहने और मौसम की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।