बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: भारत को 3-1 से हार, कप्तान रोहित शर्मा और टीम मैनेजमेंट पर उठे सवाल

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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सिडनी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 3-1 के अंतर से हराकर सीरीज अपने नाम कर ली है। यह सीरीज 22 नवंबर को पर्थ में शुरू हुई थी और अब सिडनी में इसका समापन हुआ है। जसप्रीत बुमराह को इस सीरीज का प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया, जिन्होंने 32 बल्लेबाजों को आउट कर सबसे अधिक विकेट लिए। वहीं यशस्वी जायसवाल, ट्रेविस हेड और विराट कोहली ने भी शतक लगाए, लेकिन कुछ खिलाड़ी प्रदर्शन के मामले में पीछे रहे।

कप्तान रोहित शर्मा की आलोचना भारतीय टीम की हार में सबसे बड़ा रोल कप्तान रोहित शर्मा का रहा। उनकी गैरमौजूदगी में भारत ने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में पर्थ टेस्ट को 295 रनों से जीता था। लेकिन अगले तीन मैचों में रोहित के व्यक्तिगत प्रदर्शन और डिफेंसिव कप्तानी की जमकर आलोचना हुई। उन्होंने 3 मैचों में 5 पारियों में केवल 31 रन बनाए। इसके अलावा, उनकी रणनीतियों और टीम चयन को लेकर भी सवाल उठे।

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सीरीज के पहले मैच में टीम इंडिया ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन दूसरे मैच में रोहित की वापसी के बाद टीम के कॉम्बिनेशन में लगातार बदलाव हुए। इसने टीम के तालमेल को प्रभावित किया और टीम को हार का सामना करना पड़ा।

विराट कोहली का कमजोर प्रदर्शन विराट कोहली इस सीरीज में अपेक्षाकृत कमजोर साबित हुए। पिछले चार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी मैचों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार 9 पारियों में केवल 190 रन ही बना पाए। पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने शतक जरूर बनाया, लेकिन बाकी के मैचों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। मिडिल ऑर्डर में उनका फॉर्म टीम के लिए अहम था, लेकिन वह पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुए।

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चेतेश्वर पुजारा और शुभमन गिल का निराशाजनक प्रदर्शन पिछली चार बार से चेतेश्वर पुजारा ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार वह भी असफल रहे। इस सीरीज में उन्होंने तीसरे क्रम पर 5 पारियों में केवल 93 रन ही बनाए। वहीं, शुभमन गिल भी तीसरे क्रम पर उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, और उनकी बैटिंग में निरंतरता का अभाव दिखा।

बुमराह का शानदार प्रदर्शन जसप्रीत बुमराह ने सीरीज में शानदार प्रदर्शन करते हुए 32 विकेट लेकर नया रिकॉर्ड कायम किया। भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक विकेट मोहम्मद सिराज ने लिए, जिन्होंने 20 विकेट झटके। हालांकि, सिराज कुछ मौकों पर दबाव बनाने में सफल नहीं हो सके, जबकि बुमराह ने एक छोर से निरंतर दबाव बनाया।

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टीम मैनेजमेंट की आलोचना सीरीज के दौरान टीम का कॉम्बिनेशन लगातार बदलने और खिलाड़ियों के फॉर्म पर ध्यान न देने के कारण टीम को नुकसान हुआ। टीम मैनेजमेंट ने कप्तानी, टीम चयन और रणनीति को लेकर सही फैसले नहीं किए, जिससे टीम का संतुलन प्रभावित हुआ और उसे हार का सामना करना पड़ा।

इस हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को अपनी रणनीतियों और कप्तानी पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है।

 

 

 

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