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पर्थ का किला टूटा: बुमराह की कप्तानी में 16 साल बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराकर रचा इतिहास

Dharmender Singh Malik
5 Min Read
पर्थ का किला टूटा: बुमराह की कप्तानी में 16 साल बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराकर रचा इतिहास

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराया। इस शानदार जीत ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है, क्योंकि टीम इंडिया ने 16 साल बाद पर्थ में टेस्ट जीतने का कारनामा किया है। इससे पहले 2008 में अनिल कुंबले की कप्तानी में भारत ने पर्थ के वाका स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। अब, जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारतीय टीम ने पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में शानदार जीत दर्ज की है। यह मैच भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि इस जीत के साथ ही भारत ने 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है।

पर्थ में ऐतिहासिक जीत: 16 साल बाद इतिहास

पर्थ में भारत की यह जीत 16 साल बाद आई है। 2008 में कुंबले की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था, लेकिन उसके बाद से भारतीय टीम पर्थ में कोई टेस्ट मैच नहीं जीत सकी थी। अब बुमराह की कप्तानी में भारतीय टीम ने यह कठिन किला फतह किया। पर्थ में भारत की यह जीत न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है कि भारतीय क्रिकेट ने दुनिया के सबसे कठिन मैदानों में से एक पर अपनी ताकत साबित की है।

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बुमराह की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन

जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारतीय टीम ने पर्थ में एक बेहतरीन प्रदर्शन किया। बुमराह ने खुद गेंदबाजी में कमाल का प्रदर्शन किया और अपनी कप्तानी में टीम को पूरी तरह से प्रेरित किया। चौथे दिन के पहले सत्र में बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खतरनाक बल्लेबाज ट्रेविस हेड को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने लगातार विकेट चटकाए और ऑस्ट्रेलिया की टीम को 238 रन पर सिमटने पर मजबूर कर दिया।

भारत के गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन

भारत की गेंदबाजी ने इस टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन किया। बुमराह, सिराज, वाशिंगटन सुंदर और हर्षित राणा ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की धज्जियां उड़ाईं। बुमराह ने 2 विकेट लिए, जबकि सिराज ने 1 विकेट निकाला। वाशिंगटन सुंदर ने एक ही ओवर में दो विकेट चटका दिए, और हर्षित राणा ने एलेक्स कैरी को आउट कर जीत की सुनिश्चित कर दी।

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भारत के बल्लेबाजों का दबदबा

भारत के बल्लेबाजों ने भी इस मैच में अपनी पूरी ताकत दिखाई। तीसरे दिन, भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी मजबूत पारी खेली। यशस्वी जायसवाल ने 161 रन की शानदार पारी खेली और शतक पूरा किया। केएल राहुल ने 77 रन बनाए, और विराट कोहली ने भी ऑस्ट्रेलिया में अपना छठा शतक पूरा किया। कोहली ने 143 गेंदों पर नाबाद 100 रन बनाये। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 487/6 रन बनाकर घोषित की और ऑस्ट्रेलिया को 534 रन का लक्ष्य दिया।

पर्थ में भारत की पहली विजिटिंग टीम के रूप में जीत

यह मैच भारतीय टीम के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है क्योंकि भारत पहली विजिटिंग टीम बन गया है, जिसने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को हराया। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया के घरेलू मैदान पर किसी भी अन्य टीम ने पर्थ में जीत नहीं दर्ज की थी। भारत ने इस ऐतिहासिक जीत के साथ अपनी ताकत को साबित किया और दुनिया भर में अपनी क्रिकेट की श्रेष्ठता का संदेश दिया।

भारत ने 534 रनों का दिया टारगेट, ऑस्ट्रेलिया की पारी सिमटी 238 रन पर

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 534 रन का लक्ष्य दिया, जो किसी भी टीम के लिए चुनौतीपूर्ण था। भारतीय गेंदबाजों ने इस टारगेट का पूरा फायदा उठाया और ऑस्ट्रेलिया की पारी को 238 रन पर समेट दिया। बुमराह, सिराज और अन्य गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम ने अपनी ऐतिहासिक जीत को सुनिश्चित किया।

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एक ऐतिहासिक जीत

इस जीत ने भारतीय क्रिकेट को एक नया आयाम दिया है। 16 साल बाद पर्थ में टेस्ट मैच जीतकर भारतीय टीम ने ना सिर्फ अपनी ताकत को साबित किया, बल्कि पूरी दुनिया को यह भी दिखा दिया कि टीम इंडिया किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। बुमराह की कप्तानी में भारतीय टीम ने यह जीत हासिल की है, और यह जीत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए याद रखी जाएगी।

 

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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