ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे मैच के बाद एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के निशाने पर भारतीय पिचें हैं। आईसीसी ने इंदौर की पिच को खराब बताया है। इससे पहले भी भारत में खेले गए पिछले चार मुकाबलों की करें तो आईसीसी ने नागपुर और दिल्ली की पिच को औसत जबकि बेंगलुरु की पिच को औसत से नीचे और इंदौर की पिच को खराब बताया। ऑस्ट्रेलिया से पहले भारत ने श्रीलंका के खिलाफ दो मैच की टेस्ट सीरीज खेली थी उसमें भी पिच पर सवाल उठे थे। उस सीरीज का अंतिम मैच बेंगलुरु में खेला गया था। यह टेस्ट भी तीन दिन के अंदर ही समाप्त को गया था।
इंदौर टेस्ट के बाद एक और आंकड़ा सामने निकलकर आया है। भारत की यह टेस्ट क्रिकेट में पिछले एक दशक में घर में तीसरी हार है और हैरानी की बात यह है कि इनमें से जो दो टेस्ट भारत हारा है उस मैच की पिचों को आईसीसी ने खराब करार दिया।
इसके अलावा बात भारत में खेले गए आखिरी 10 टेस्ट मैचों की करें तो केवल एक ही मैच 5 दिन तक चला है। वहीं 6 मैच तीन दिन के अंदर समाप्त हुए और दो मैच चार दिन में ही समाप्त हो गये जबकि एक मैच दो दिन में ही समाप्त हो गया था।
इंदौर की पिच को तीन नकारात्मक अंक दिये
आईसीसी ने इंदौर के होल्कर क्रिकेट स्टेडियम की पिच को खराब बताते हुए तीन नकारात्मक अंक दिये हैं। आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने मैच अधिकारियों की चिंताओं को व्यक्त करते हुए और दोनों टीमों के कप्तानों के साथ परामर्श के बाद उन्होंने आईसीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। उन मूल्यांकन के बाद आयोजन स्थल को तीन नकारात्मक अंक दिए गए हैं। इस मैच की रिपोर्ट बीसीसीआई को भेज दी गई है। बोर्ड इस मामले में 14 दिनों के अंदर अपील कर सकता है
गावस्कर ने दिया गाबा का उदाहरण
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने आईसीसी के इंदौर की पिच को खराब करार दिये जाने पर नाराजगी जताय है। गावस्कर ने इस मामले में ऑस्ट्रेलिय के गाबा की पिच का उदाहरण दिया और कहा कि कि वहां दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट दो दिनों में ही खत्म हो गया था।
गावस्कर ने कहा, एक बात मैं जानना चाहूंगा, नवंबर में ब्रिस्बेन गाबा में यह टेस्ट मैच था, जहां मैच 2 दिन में ही समाप्त हो गया। उस पिच को कितने नकारात्मक अंक मिले और वहां मैच रेफरी कौन था यह मैं जानना चाहता हूं। इससे पहले इंदौर की पिच को खराब रेटिंग देते हुए आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने दावा किया कि यह शुरू से ही स्पिनरों का पक्ष ले रही थी और यह बल्ले और गेंद के बीच संतुलित प्रतिस्पर्धा प्रदान नहीं करती। ब्रॉड ने कहा, पिच बहुत सूखी थी, शुरू से ही स्पिनरों के पक्ष में थी, बल्ले और गेंद के बीच यह संतुलन प्रदान नहीं करती थी।