विजय हजारे ट्रॉफी: देवदत्त पडिक्कल ने बड़ौदा के खिलाफ जड़ा शतक, ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही किया धमाल

BRAJESH KUMAR GAUTAM
4 Min Read
विजय हजारे ट्रॉफी: देवदत्त पडिक्कल ने बड़ौदा के खिलाफ जड़ा शतक, ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही किया धमाल

भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी में जबरदस्त प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद कर्नाटक की टीम के लिए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ शानदार शतकीय पारी खेली। पडिक्कल की 102 रन की शानदार पारी ने कर्नाटक की टीम को एक मजबूत शुरुआत दिलाई और उन्होंने यह साबित किया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अनुभव के बावजूद उनका बल्ला पूरी तरह से चल रहा है।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बिताए गए समय के बाद शानदार वापसी

देवदत्त पडिक्कल लंबे समय से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे, जहां उन्होंने अनऑफिशियल टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया था। उनकी पारियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था। हालांकि, सीरीज के दौरान उन्हें अधिक मौके नहीं मिले और वे सिर्फ एक मैच में खेल सके। कप्तान रोहित शर्मा की वापसी के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। इस दौरान, पडिक्कल को ज्यादा खेलने का अवसर नहीं मिला, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटने के बाद उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया।

See also  Browns-Broncos on 'Monday Night Football': What We Learned from Denver's 41-32 Win

कर्नाटक के लिए ओपनिंग करते हुए शतक

विजय हजारे ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में देवदत्त पडिक्कल ने कर्नाटक की ओर से ओपनिंग करते हुए बड़ौदा के खिलाफ शानदार शतक जड़ा। उन्होंने महज 92 गेंदों पर 102 रन बनाए, जिसमें 15 चौके और 2 छक्के शामिल थे। इस पारी के दौरान, पडिक्कल ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण को दिखाया और ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बाद अपनी वापसी को शानदार तरीके से मना लिया। उनके द्वारा खेली गई शतकीय पारी ने कर्नाटक को मजबूत स्थिति में रखा और टीम को बड़ौदा के खिलाफ महत्वपूर्ण रन बनाए।

ऑस्ट्रेलिया दौरे का अनुभव और कर्नाटक के लिए संघर्ष

ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान, देवदत्त पडिक्कल ने दो अनऑफिशियल टेस्ट खेले थे, जिसमें उन्होंने कुछ छोटे लेकिन अहम पारियां खेली थीं। हालांकि, भारत ए टीम को मैच में जीत नहीं मिल पाई थी। इसके बाद, उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया और पर्थ टेस्ट में मौका मिला। लेकिन इस मैच में वे पहली पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए थे, और दूसरी पारी में सिर्फ 25 रन ही बना सके थे। इसके बाद, रोहित शर्मा की वापसी के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।

See also  मयंक अग्रवाल: प्लेन में चढ़ते ही तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

कर्नाटक की मुश्किलें, लेकिन पडिक्कल की पारी ने उम्मीद जताई

कर्नाटक की टीम को शुरुआती ओवरों में एक मजबूत शुरुआत मिली थी, लेकिन देवदत्त पडिक्कल का विकेट गंवाने के बाद टीम के बाकी बल्लेबाजों ने संघर्ष किया। कर्नाटक ने 31 ओवर तक 2 विकेट पर 172 रन बनाए थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने लगातार विकेट गंवाए। 221 रन पर टीम को चौथा विकेट, और 226 रन पर पांचवां विकेट गिरा। अंत में कर्नाटक 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 281 रन ही बना सकी।

देवदत्त पडिक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी शतकीय पारी से यह साबित कर दिया कि ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही उनका बल्ला पूरी तरह से फॉर्म में है। कर्नाटक की टीम के लिए उनका योगदान महत्वपूर्ण था, हालांकि टीम के बाकी बल्लेबाजों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। यह शतक पडिक्कल के लिए एक मजबूत वापसी का प्रतीक बन सकता है और भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक संभावित विकल्प के रूप में उनका नाम गिना जाएगा।

See also  इंग्लैंड क्रिकेट में भूचाल: जोस बटलर ने छोड़ी वनडे और टी20 टीम की कप्तानी, चैम्पियंस ट्रॉफी में हार के बाद लिया फैसला

 

 

 

 

See also  रविवार को बल्लेबाजों ने दिखाया अपने बल्ले का दम, खूब हुई चौके-छक्कों की बरसात
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement