कर्ज से लेकर रहस्मय मौत तक की ये घटना उड़ा देगी होश

Faizan Khan
Faizan Khan - Journalist
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पिछले कुछ दिनों से सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी लापता थे। सहारनपुर में गोल्ड कमेटी के सदस्य रहे सौरभ का शव  सुबह एक नहर के पास मिला। उनके पास से मिला सुसाइड नोट 10 अगस्त का है। नोट में उन्होंने लिखा है कि वह और उनकी पत्नी कर्ज के बोझ से दब गए हैं और अब और नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने अपने बच्चों को नानी के हवाले कर दिया है।

सहारनपुर के ज्वैलर सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी का रहस्यमय मौत का मामला

सहारनपुर के किशनपुरा स्थित साई ज्वेलर्स के मालिक सौरभ बब्बर का शव हरिद्वार के रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में मिला है। उनकी पत्नी अभी भी लापता है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें सौरभ ने कर्ज के बोझ से दबकर आत्महत्या करने की बात कही है।

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क्या है पूरा मामला:

पिछले कुछ दिनों से सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी लापता थे। सहारनपुर में गोल्ड कमेटी के सदस्य रहे सौरभ का शव आज सुबह एक नहर के पास मिला। उनके पास से मिला सुसाइड नोट 10 अगस्त का है। नोट में उन्होंने लिखा है कि वह और उनकी पत्नी कर्ज के बोझ से दब गए हैं और अब और नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने अपने बच्चों को नानी के हवाले कर दिया है।

पुलिस जांच में जुटी:

रानीपुर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह मामला आत्महत्या का है या फिर इसमें कोई और बात छिपी हुई है। पुलिस ने सौरभ बब्बर की पत्नी की तलाश शुरू कर दी है।

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सवाल उठ रहे हैं:

इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:

  • क्या सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी ने साथ में आत्महत्या की?
  • क्या उनकी पत्नी भी मारी गई है या फिर वह कहीं और छिपी हुई है?
  • क्या कर्ज का बोझ ही आत्महत्या का कारण था या फिर कोई और कारण भी था?

विशेषज्ञों की राय:

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज का बोझ आत्महत्या का एक प्रमुख कारण होता है। उन्होंने कहा कि कर्ज से दबे लोग अक्सर डिप्रेशन और तनाव का शिकार हो जाते हैं और आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं।

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फैजान खान, संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार, पिछले पाँच वर्षों से अधिक राजनीति और सामाजिक सरोकारों पर गहन रिपोर्टिंग कर रहा हु। मेरी लेखनी समाज की सच्चाइयों को सामने लाने और जनसमस्याओं को आवाज़ देने के लिए जानी जाती है। निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित पत्रकारिता के करता आया हु और करता रहूंगा। ( कलम से सच बोलना मेरी पहचान है। )
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