नई दिल्ली। देश की सबसे सुरक्षित जेल तिहाड़ में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या हो गई। यह वारदात एक सामान्य गैंगवार की ही घटना नहीं है बल्कि यह खुले तौर पर देश की सुबसे सुरक्षित जेल का दम भरने वाले तिहाड़ प्रशासन और दिल्ली की कानून व्यवस्था को खुली चुनौती है। तिहाड़ जेल प्रशासन के दावे के मुताबिक यहां चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। कुल 975 कैमरों से जेल की निगरानी होती है इसके लिए 80 अफसरों के साथ ही एक हजार से अधिक जेल कर्मी भी तैनात हैं। बावजूद इसके योगेश टुंडा और उसके साथियों ने टिल्लू की पीट पीटकर हत्या कर दी। यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी वारदात बिना जेल कर्मियों की मिलीभगत के कैसे संभव है। सबसे सुरक्षित जेल के अंदर सबसे सुरक्षित सेल में चाकू लोहे का रॉड बेडसीट की रस्सी के साथ मंगलवार की सुबह 15 मिनट से भी अधिक समय तक मौत का खेल चलता रहा लेकिन किसी को भनक क्यों नहीं लगी। वहीं टिल्लू की मौत के बाद सभी अधिकारी एक साथ ही कैसे पहुंच गए।
यह सवाल गैंगस्टर टिल्लू की हत्या की नहीं वह तो खुद एक गैंगस्टर था और अपने प्रतिद्वंदी गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद गिरफ्तार होकर जेल में आया था। यह सवाल सीधे तौर पर तिहाड़ जेल के अंदर सुरक्षा का है। यहां तमाम बड़े नेता और वीआईपी विभिन्न मामलों में बंद हैं। जेल अधिकारियों की माने तो घटना के वक्त 33 वर्षीय गैंगस्टर टिल्लू अपने बैरक में टहल रहा था। इतने में उसके प्रतिद्वंदियों में से चार बदमाश ने बैरक में घुसकर उसकी हत्या कर दी। यह वारदात उस समय अंजाम दिया गया जब सुबह छह बजे जेल की पहली घंटी बजी थी और नास्ते की तैयारी चल रही थी।
बता दें कि देश के इस सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले जेल में कुल चार ब्लॉक हैं। यहां 2800 से अधिक कैदी हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक बैरक के बाहर एक गार्ड भी था लेकिन उस समय वह सभी कैदियों को उनके बैरक से बाहर कॉमन हॉल के लिए रिलीज कर रहा था। पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने यह वारदात हाथ से बनाए हथियार से अंजाम दिया गया है। बता दें कि अभी दो दिन पहले ही जेल के अंदर जाली काटी गई थी।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक जेल प्रबंधन ने इसे हल्के में लिया। अब पता चला है कि यह जेल टिल्लू की हत्या के लिए ही काटी गई थी। पुलिस की जांच में जेल अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस के मुताबिक गैंगस्टर टिल्लू के ऊपर करीब 10 मिनट में 90 वार किए गए। वहीं जब जेल गार्ड मौके पर आए तो बदमाशों ने उन्हें ठहर जाने की चेतावनी दी और वापस टिल्लू के ऊपर वार करने लगे। इस घटना के संबंध में डीजी जेल संजय बेनीवाल से बात करने की कोशिश की गई लेकिन ना तो उन्होंने फोन उठाया और ना ही मैसेज का कोई जवाब दिया। अब जेल प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।