आगरा। प्रदेशभर में बढ़ रहे लेखपालों के खिलाफ विजिलेंस और एंटी करप्शन विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई के विरोध में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया। इस विरोध का मुख्य कारण लेखपालों के खिलाफ किए जा रहे आरोपों और कार्रवाई को लेकर उनकी नाराजगी थी। लेखपालों का मानना है कि इन कार्रवाइयों में अधिकांश मामले झूठे हैं और यह कार्रवाई उन्हें फंसाने का षड्यंत्र है।
शनिवार को सदर तहसील में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले लेखपालों ने सामूहिक रूप से कार्य का बहिष्कार किया और इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी सदर, सचिन राजपूत को सौंपा। ज्ञापन में लेखपाल संघ ने एंटी करप्शन और विजिलेंस द्वारा की जा रही कार्रवाई को बिना गहन जांच के रोकने की मांग की।
जिला मंत्री राजेश कुमार सिंह का बयान
इस मौके पर जिला मंत्री राजेश कुमार सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लेखपाल अपने कार्य को पूरी ईमानदारी से करता है, लेकिन फिर भी उसे झूठे मामलों में फंसाया जाता है। उनका आरोप था कि आए दिन विजिलेंस और एंटी करप्शन विभाग द्वारा रंगे हाथ पकड़ने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जब संघ इन मामलों की सच्चाई की जांच करता है, तो अधिकांश मामले झूठे और षड्यंत्रकारी पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई यदि जारी रहती है, तो संघ प्रदेश भर के लेखपालों और अन्य संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करने को मजबूर होगा।
राजस्व निरीक्षक संघ का समर्थन
इस कार्य बहिष्कार के दौरान राजस्व निरीक्षक संघ ने भी लेखपाल संघ का समर्थन करते हुए कार्य का बहिष्कार किया। इससे स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया गया कि लेखपालों की समस्याओं और उनके खिलाफ हो रही अनावश्यक कार्रवाईयों को लेकर पूरे राजस्व विभाग में असंतोष का माहौल है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता और संचालन
कार्यक्रम की अध्यक्षता नारायण दास शर्मा ने की, जबकि सभा का संचालन राजीव कुमार ने किया। इस मौके पर तहसील अध्यक्ष सत्यदीप, मंत्री जितेन चौधरी, जिला मंत्री राजेश कुमार सिंह, टीकम सिंह, दिनेश गोला, रीता बघेल, प्रदीप शर्मा, भूपेंद्र और मीडिया प्रभारी अश्वनी कुमार सहित अन्य लेखपाल भी उपस्थित रहे।
लेखपाल संघ की चेतावनी
लेखपाल संघ ने इस अवसर पर स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि बिना गहन जांच के इस तरह की कार्रवाई जारी रही तो संघ प्रदेश भर में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि लेखपालों को इस प्रकार के झूठे आरोपों से बचाने और उनके उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
समाज में बढ़ते असंतोष का संकेत
इस विरोध प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि प्रदेशभर के लेखपालों में विजिलेंस और एंटी करप्शन विभाग की कार्रवाईयों के खिलाफ असंतोष का माहौल है। लेखपालों की मांग है कि बिना ठोस आधार के उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाईयों को रोका जाए और इस पर गहनता से जांच की जाए, ताकि किसी भी निर्दोष को सजा न हो।
यह आंदोलन प्रदेशभर में लेखपालों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या लेखपालों की मांगें पूरी होती हैं।