महाकुंभ में गीता प्रेस के साथ सनातन साहित्य सेवा करेगा अदाणी ग्रुप, 1 करोड़ श्रद्धालुओं को बांटेगा आरती संग्रह

Manasvi Chaudhary
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महाकुंभ में गीता प्रेस के साथ सनातन साहित्य सेवा करेगा अदाणी ग्रुप, 1 करोड़ श्रद्धालुओं को बांटेगा आरती संग्रह

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: आगामी 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला में अदाणी ग्रुप ने भारतीय संस्कृति और आस्था के इस महायज्ञ में सेवा का संकल्प लिया है। अदाणी ग्रुप ने गीता प्रेस के साथ मिलकर एक अनोखी पहल की है। इस साझेदारी के तहत, अदाणी ग्रुप महाकुंभ में 1 करोड़ श्रद्धालुओं को गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित ‘आरती संग्रह’ की मुफ्त कॉपियां वितरित करेगा। यह सहयोग सनातन धर्म, संस्कृति और धार्मिक आस्था के प्रति समर्पित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बन रहा है।

1. अदाणी ग्रुप और गीता प्रेस का ऐतिहासिक सहयोग

महाकुंभ एक ऐसा अवसर है जब लाखों श्रद्धालु अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने के लिए एकत्र होते हैं। इस विशेष मौके पर अदाणी ग्रुप ने गीता प्रेस के साथ सहयोग करके इस महापर्व की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को और भी बढ़ा दिया है। इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और प्रसार में योगदान देना है।

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अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में गीता प्रेस के पदाधिकारियों से मुलाकात की और इस सहयोग पर चर्चा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने इस पहल के बारे में जानकारी साझा करते हुए लिखा, “महाकुंभ भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का महायज्ञ है। हमें गर्व है कि हम गीता प्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ ‘आरती संग्रह’ की मुफ्त प्रतियां श्रद्धालुओं को अर्पित कर रहे हैं।”

2. आरती संग्रह की वितरण योजना

अदाणी ग्रुप की ओर से यह ‘आरती संग्रह’ महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के बीच निःशुल्क वितरित किया जाएगा। यह संग्रह हिंदू धर्म की आरतियों का एक महत्वपूर्ण संग्रह है, जो भक्तों को धार्मिक क्रियाओं और प्रार्थनाओं में सहायक होगा। गौतम अदाणी ने कहा कि गीता प्रेस के साथ मिलकर यह कार्य करना हमारे लिए अपार संतोष का कारण है, क्योंकि यह भारत की संस्कृति और धर्म के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

3. गीता प्रेस की 100 साल की यात्रा

गीता प्रेस, जो सनातन धर्म के प्रचार में समर्पित है, अब अपने 100 वर्ष की यात्रा पूरी कर चुकी है। संस्था ने इन वर्षों में भारतीय साहित्य, धर्म, संस्कृति और समाज के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। गीता प्रेस का यह कदम न केवल धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है, जो सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत अन्य संस्थाओं को प्रोत्साहित करता है।

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गीता प्रेस के जनरल सेक्रेटरी नीलरतन जी चांदगोठिया ने इस सहयोग को सराहा और कहा, “अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की यह पहल निश्चित ही सनातन धर्म की सेवा और प्रचार में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें विश्वास है कि यह दीर्घकालिक सहयोग हमारे देश को विश्वगुरु बनाने में सहायक होगा और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाएगा।”

4. गौतम अदाणी का संदेश

गौतम अदाणी ने इस अवसर पर कहा, “सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है। हम सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, खासकर जब हम देश की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा और विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। गीता प्रेस के साथ मिलकर हम जो कार्य कर रहे हैं, वह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज की आस्थाओं और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है।”

5. बैठक में शामिल लोग

अदाणी ग्रुप और गीता प्रेस के बीच इस ऐतिहासिक सहयोग पर चर्चा करने के लिए अहमदाबाद में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें गीता प्रेस के सम्मानित पदाधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल जी अग्रवाल, सदस्य ट्रस्ट बोर्ड राम नारायण चांडक, प्रबंधक लाल मणि तिवारी और आचार्य संजय तिवारी ने भी भाग लिया।

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महाकुंभ में अदाणी ग्रुप और गीता प्रेस के इस ऐतिहासिक सहयोग ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। 1 करोड़ ‘आरती संग्रह’ की वितरित की जाने वाली प्रतियां श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक ज्ञान का एक स्रोत होंगी, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों की आस्था और श्रद्धा को भी प्रगाढ़ करेंगी। यह कदम निश्चित रूप से महाकुंभ के महत्व को और भी बढ़ाएगा और देशभर में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सहायक साबित होगा।

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