आगरा। हाल के वर्षों में अधिवक्ताओं पर लगातार हमलों और बढ़ती हिंसा के बीच, अधिवक्ता सरोज यादव ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यदि समाज के अपराधी तत्व वकील समुदाय को इस तरह टारगेट कर जानलेवा हमले और हत्याएं जारी रखते हैं, तो न्याय की प्रक्रिया कमजोर हो सकती है और लोग वकालत की ओर आकर्षित नहीं होंगे।
उन्होंने मांग की है कि कौशाम्बी के अधिवक्ता छविराम पर जानलेवा हमले करने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कासगंज की महिला वकील मोहिनी की हत्या के मामले में पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए उच्चस्तरीय सीबीआई जांच कराई जाए। उनका कहना है कि चूंकि रिपोर्ट में अधिवक्ताओं का नाम है, इसलिए जांच निष्पक्ष एजेंसी द्वारा कराई जानी चाहिए और अपराधियों को सख्त सजा दिलाई जानी चाहिए।
अधिवक्ता सरोज यादव ने सरकार और प्रशासन की उदासीनता की आलोचना की, और कहा कि वकील न्याय तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें ‘ऑफिसर ऑफ द कोर्ट’ का दर्जा प्राप्त है। इसके मद्देनजर, उन्होंने अपील की कि जब तक ‘एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट’ लागू नहीं किया जाता, तब तक अधिवक्ता आंदोलन जारी रहेगा।