पांच हजार की आबादी वाले मंगूरा गांव की आंगनबाड़ी पर पूरी ग्राम पंचायत में पुष्टाहार वितरण का दवाब
आगरा(किरावली) ।कुपोषित मुक्त सुपोषित भारत बनाने की कल्पना को साकार करने के लिए बाल पुष्टाहार विभाग लगातार प्रयासरत रहता है। गर्भवती धात्रियों से लेकर नवजातों के स्वास्थ्य एवं उनको उचित पोषक आहार प्रदान करने के लिए भारी भरकम बजट का आवंटन होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के अथक प्रयास अभी भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। लाल फ़ीताशाही में फंसी पुष्टाहार वितरण की प्रक्रिया धरातल पर आकर सवालों में गंभीर रूप से रही है। सक्षम अधिकारी व मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत
अछनेरा के गांव मंगूरा में पुष्टाहार वितरण को लेकर चल रही तनातनी के बीच अग्र भारत द्वारा अपनी पड़ताल में जो तथ्य निकल कर आ रहे हैं, वह सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मंशा को भी उजागर कर रहे हैं। बताया जाता है, कि विगत दस दिन पहले गांव में वितरण हेतु आया पुष्टाहार आंगनबाड़ी को सुपर्द नहीं करके कथित रूप से एक निजी स्थान पर रखा रहा। आंगनबाड़ी द्वारा अपने उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। इसकी जानकारी जब प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर विभागीय अधिकारियों को हुई तो आनन फानन में मौके पर जाकर पुष्टाहार का मिलान करने के उपरांत आंगनबाड़ी को सुपर्द किया गया। गांव की जनप्रतिनिधि द्वारा लगातार दस दिनों तक पुष्टाहार को निजी स्थान पर क्यों रखवाया गया, अधिकारी इसका जवाब देने की स्थिति में नहीं दिखे।
जिनको पुष्टाहार नहीं मिला, उसकी भी निकलने लगी सच्चाई
मंगूरा ग्राम पंचायत में मंगूरा गांव की आबादी लगभग 5500 है, जबकि इसी ग्राम पंचायत का मजरा नगला धाराजीत सर्वे में पूरी तरह शामिल नहीं है। मंगूरा गांव की आंगनबाड़ी पर अपने गांव में पहले से ही निर्धारित लाभार्थियों को पुष्टाहार वितरण का लक्ष्य रहता है, नगला धाराजीत में वितरण हेतु अतिरिक्त पुष्टाहार कभी प्राप्त नहीं हो रहा। उच्चाधिकारियों द्वारा इस विषय का संज्ञान लेने की जरूरत नहीं समझी गई।
त्यागपत्र को स्वीकार नहीं करने वाले अधिकारी नहीं कर रहे सच का सामना
गांव की आंगनबाड़ी पर लगातार दवाब बनाया जाता रहा कि पूरी ग्राम पंचायत में पुष्टाहार का वितरण करो। जबकि आंगनबाड़ी अपने सर्वे के हिसाब से शुरू से पुष्टाहार का वितरण करती आई है। उसके सर्वे के अतिरिक्त जो भी पुष्टाहार लेने के आकांक्षी हैं, उनके लिए अतिरिक्त पुष्टाहार उसको उपलब्ध नहीं कराया गया। विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा अतिरिक्तों का सर्वे कराकर उनको लाभार्थियों की सूची में अंकित करके उनके लिए पुष्टाहार वितरण की व्यवस्था करने की जरूरत नहीं समझी गई। व्यवस्थाओं से परेशान होकर आंगनबाड़ी ने विगत में अपना त्यागपत्र भी विभागीय अधिकारियों को प्रेषित किया गया था, लेकिन उसका त्यागपत्र मंजूर नहीं करके उसको मौजूदा हाल पर रामभरोसे वाली स्थिति में छोड़ दिया गया।
इनका कहना है।
मंगूरा गांव में आंगनबाड़ी को पुष्टाहार सुपुर्द हो चुका है, जिसका सोमवार को वितरण हुआ है। विभाग द्वारा संबंधित पहलुओं का संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
हरीश मौर्य- प्रभारी डीपीओ