लखनऊ : समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। पूर्व भगवाधारी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब सलीम शेरवानी ने भी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखी चिट्ठी में सलीम शेरवानी ने पार्टी में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है।
रविवार को सपा को तब जोर का झटका लगा जब पिछले दिनों ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद सलीम शेरवानी ने भी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपने इस्तीफे के साथ लिखी चिट्ठी में सलीम शेरवानी ने कहा है कि मुसलमान समाजवादी पार्टी में लगातार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को सदन में नहीं भेजा गया है।
सलीम शेरवानी ने कहा है कि राज्यसभा में किसी मुस्लिम को भेजने के लिए भले ही मेरे नाम पर विचार नहीं किया जाता, लेकिन राज्यसभा की सीट किसी मुसलमान को जरुर मिलनी चाहिए थी, क्योंकि मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में है और मुझे लगता है कि सपा में रहते हुए मैं मुसलमानों की हालत में परिवर्तन नहीं ला सकता हूं।
यह इस्तीफा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सलीम शेरवानी मुस्लिम समुदाय में एक प्रभावशाली नेता हैं और उनके इस्तीफे से सपा को मुस्लिम वोटरों का समर्थन खोने का खतरा है।
यह देखना बाकी है कि सलीम शेरवानी अब किस पार्टी में शामिल होते हैं या फिर वे अपनी खुद की पार्टी बनाते हैं।