आगरा के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विकास वर्मा ने दस वर्षीया बालिका के अपहरण, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी सोनू उर्फ दुष्यंत पुत्र अमर सिंह को दोषी पाते हुए 20 साल कैद और 60 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
थाना न्यू आगरा से संबंधित मामले के अनुसार, वादी मुकदमा ने थाने पर शिकायती पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि, 3 अगस्त 2018 की शाम उसकी दस वर्षीया पुत्री अपनी मां के साथ सब्जी लेने गई थी। 7:30 बजे के करीब वह मां से कह कर हलवाई की दुकान से मिठाई लेने गई। इस बीच वादी की पत्नी सड़क के दूसरी ओर खड़ी थी। देर तक ना आने पर वादी की पत्नी ने हलवाई की दुकान पर जा अपनी पुत्री के विषय में पूछा तो उसने बताया वह तो मिठाई लेकर यहां से चली गई। घर आकर देखने पर पुत्री नहीं मिली।
खोजबीन में सफलता नहीं मिलने पर वादी ने पुलिस को सूचना दी। रात्रि 9:30 बजे के करीब वादी की पुत्री मिली उसने अपने साथ हुई घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से आरोपी की पहचान कर उसे हिरासत में लिया।
पुलिस ने मुकदमे की विवेचना उपरांत आरोपी के विरुद्ध अपहरण, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र अदालत में पेश किया। मुकदमे के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से वादी मुकदमा, उसकी पत्नी और पीड़िता सहित 6 गवाह अदालत में पेश किए।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विकास वर्मा ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य और विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद के तर्क पर आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल कैद और 60 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
आरोपी इस प्रकार के कृत्य का अभ्यस्त था। 18 मार्च 2019 को भी एक 9 वर्षीया अबोध का अपहरण कर वह सेक्टर दस करकुंज के पास ले गया था। वहां उसके साथ दुराचार कर भाग गया था। पुलिस ने उक्त पीड़िता को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। पीड़िता की मां द्वारा थाना सिकंदरारा में मुकदमा दर्ज कराया था। उक्त मामले में भी आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।