आगरा में एक बुजुर्ग को अपनी पैतृक जमीन बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। भूमाफियाओं ने न्यायालय के आदेश के बावजूद जमीन पर कब्जा कर लिया है और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
परिवार पर झूठे मुकदमों की बौछार, बुजुर्ग की पैतृक जमीन पर अवैध कब्जे का दबंगों का खेल जारी
आगरा। योगी सरकार ने भूमाफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा किया है, लेकिन ताजनगरी आगरा में यह नीति ध्वस्त होती नजर आ रही है। लोहामंडी के मौजा खतैना क्षेत्र के बुजुर्ग हाजी मेहराजुद्दीन (पुत्र सरफुद्दीन) अपनी पैतृक जमीन पर कब्जे की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि प्रशासन और स्थानीय पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
हाजी मेहराजुद्दीन की खसरा संख्या 367, 389, 393, 394 पर वर्षों से मालिकाना हक और कब्जा चला आ रहा है। लेकिन उनकी कीमती जमीन पर भूमाफियाओं की नजर पड़ने के बाद से उनके परिवार को लगातार मानसिक और कानूनी उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। आरोप है कि दबंग भूमाफिया, झूठे मुकदमों के जरिये उनके परिवार को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
न्यायालय के आदेश की भी अनदेखी
मेहराजुद्दीन ने जबरन कब्जे के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिस पर न्यायालय ने जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। बावजूद इसके, भूमाफिया न्यायालय के आदेश की अनदेखी कर, अवैध कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
पुलिस आयुक्त से लगाई गुहार
पीड़ित हाजी मेहराजुद्दीन ने पुलिस आयुक्त से प्रार्थनापत्र देकर भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि जब उनके परिवार ने अवैध कब्जे का विरोध किया तो कोई सुनवाई नहीं हुई, और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। आरोप है कि स्थानीय पुलिस शिकायतें मिलने के बाद भी भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने से कतरा रही है। उनका दावा है कि भूमाफियाओं को खुला संरक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनके परिवार पर लगातार झूठे मुकदमे थोपे जा रहे हैं।