आगरा: शहर के जाने-माने कारोबारी प्रखर गर्ग पर एक बार फिर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इस बार उन पर नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। आरोप है कि प्रखर गर्ग ने अपनी तीन कंपनियों के माध्यम से अरुण सांधी नामक व्यक्ति से करोड़ों रुपये लिए और बदले में कुछ नहीं दिया।
अरुण सांधी ने दर्ज कराया मुकदमा
पीड़ित अरुण सांधी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अप्रैल 2018 में प्रखर गर्ग और उनके साथियों से एक होटल खरीदने के लिए पांच करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन प्रखर गर्ग ने उन्हें होटल की रजिस्ट्री नहीं कराई। इसके अलावा, अरुण सांधी ने प्रखर गर्ग को एक अन्य संपत्ति भी बेची थी, जिसका भुगतान भी नहीं किया गया।
तीन कंपनियों के माध्यम से धोखाधड़ी
अरुण सांधी ने बताया कि अप्रैल 2018 में उन्होंने जी होटल, सेन्ट्रल बैंक रोड, कमला नगर, आगरा के दूसरे और तीसरे तल की खरीद के लिए पांच करोड़ रुपये का सौदा किया। इस सौदे में प्रखर गर्ग और उनके सहयोगियों ने विक्रेता के रूप में काम किया। अरुण ने 2.82 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन जब रजिस्ट्री की बात आई तो प्रखर गर्ग ने कहा कि पहले उन्हें अपनी एक संपत्ति बेचनी होगी, ताकि होटल के सौदे में पैसे एडजस्ट किए जा सकें।अरुण सांधी ने जब प्रखर गर्ग की कंपनी से 15,688,350 रुपये प्राप्त करने के लिए चेक लिया, तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद भी जब उन्होंने जी होटल की रजिस्ट्री की मांग की, तो प्रखर गर्ग और उनके सहयोगियों ने यह करने से मना कर दिया। अरुण सांधी ने 2020 में हुए एक अन्य सौदे में भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। एमजी रोड पर स्थित एक संपत्ति के सौदे में, प्रखर गर्ग की कंपनी ने फर्निशिंग का काम नहीं कराया और न ही मासिक किराया का भुगतान किया। इस मामले में भी लगभग 2.66 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
चेक बाउंस का मामला
अरुण सांधी ने बताया कि प्रखर गर्ग ने उन्हें भुगतान के लिए कई चेक दिए थे, लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए।
पुलिस ने शुरू की जांच
हरीपर्वत पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह पहली बार नहीं है जब प्रखर गर्ग पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इससे पहले भी उनके खिलाफ कई धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो चुके हैं।
अन्य धोखाधड़ी के मामले
प्रखर गर्ग पर आरोप है कि उन्होंने कई अन्य लोगों के साथ भी धोखाधड़ी की है। उनके बैंक खातों को ईडी द्वारा फ्रीज कर दिया गया है।