Agra Crime News:फतेहाबाद: फतेहाबाद के थाना डौकी क्षेत्र स्थित कबीस पुलिस चौकी पर पुलिस कस्टडी में एक 50 वर्षीय ग्रामीण की मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और स्थानीय ग्रामीणों ने चौकी के बाहर जमकर हंगामा किया। इस हंगामे में ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट और हत्या का आरोप लगाया, साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
घटना के अनुसार, कबीस चौकी के ग्राम गढ़ी हीशनी निवासी केदार सिंह (50 वर्ष) को पुलिसकर्मियों ने बृहस्पतिवार दोपहर लगभग 3 बजे पूछताछ के लिए चौकी लाया था। पुलिसकर्मियों के अनुसार, पूछताछ के दौरान हुई मारपीट के कारण केदार सिंह की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। पुलिसकर्मियों ने उसे तत्काल आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद शव को एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
इस घटना के बाद जैसे ही परिजनों को सूचना मिली, वे सैकड़ों की संख्या में कबीस चौकी पर इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल सस्पेंड करने और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उनके आरोप थे कि पुलिसकर्मियों ने केदार सिंह पर थर्ड डिग्री टॉर्चर किया और उसे बिना सूचना दिए मौत के बाद शव को अस्पताल भेज दिया।
ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ने के बाद फतेहाबाद सर्कल पुलिस का बल मौके पर पहुंच गया। एसीपी शमशाबाद, गिरीश कुमार भी फोर्स के साथ पहुंचे। ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम से पहले शव को पुलिस चौकी पर लाने की मांग की और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
- दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।
- दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड किया जाए।
- घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
- पुलिस की थर्ड डिग्री टॉर्चर की प्रक्रिया पर कड़ा नियंत्रण हो।
पुलिस की ओर से क्या कहा गया?
पुलिस का कहना है कि केदार सिंह को पूछताछ के लिए लाया गया था, लेकिन अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। शव को अस्पताल भेजने की प्रक्रिया के बाद भी कुछ पुलिसकर्मियों पर आरोप लगने के कारण मामले की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों का गुस्सा और स्थिति का तनाव
हंगामे के बीच पुलिस चौकी के बाहर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से पुलिस पर भरोसा उठ रहा है, और यदि जांच निष्पक्ष नहीं हुई तो वे सड़क पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।