आगरा: नये कानून के तहत अब आरोपी को भी अपने पक्ष को अदालत में प्रस्तुत करने का अधिकार मिल गया है। इससे न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया में सुधार हो रहा है, बल्कि पक्षकारों को समय और धन की बचत भी हो रही है। इसी संदर्भ में एसीजेएम 7, अनुज कुमार सिंह ने चैक डिसऑनर मामले में आरोपी को अपना पक्ष रखने का अवसर देने के लिए नोटिस जारी किया है।
क्या है मामला?
चैक डिसऑनर के मामले में आरोपित जितेंद्र कुमार, जो कि ‘त्यागी इलेक्ट्रॉनिक’ के प्रोप्राइटर हैं, को वादी प्रमोद यादव द्वारा 40 लाख रुपये में दुकान बेचने का सौदा तय करने के बाद 7 लाख 50 हजार रुपये एडवांस के रूप में दिए गए थे। हालांकि, तय समय पर बैनामा नहीं हुआ, और आरोपी ने बाद में दुकान की कीमत बढ़ जाने का हवाला देते हुए बैनामा नहीं किया। जब वादी ने अपनी राशि वापस मांगी, तो आरोपी ने एक चैक दिया जो बाद में डिसऑनर हो गया।
नये कानून का प्रभाव
पूर्व में, जब किसी के खिलाफ आरोप लगे होते थे, तो आरोपी को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिलता था। सिर्फ वादी का पक्ष सुना जाता था और यदि फैसला आरोपी के खिलाफ आता था, तो उसे जिला जज या हाईकोर्ट में अपील करनी पड़ती थी। इससे समय और धन की बर्बादी होती थी।
लेकिन 1 जुलाई 2023 से लागू हुए नये कानून के तहत, अब आरोपी को भी अदालत में अपना पक्ष रखने का अधिकार प्राप्त हो गया है। इससे अब आरोपी को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा और उसे रिवीजन या हाईकोर्ट की शरण में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस बदलाव से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आई है।
एसीजेएम का आदेश
मामले में एसीजेएम 7, अनुज कुमार सिंह ने आरोपी जितेंद्र कुमार को 3 फरवरी 2025 तक अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया है। इस आदेश से आरोपी को अपनी स्थिति को सही रूप में प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा और न्याय की प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।