आगरा जेई मरपीट मामला: राजनेता की एंट्री; उच्चाधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत से राजीनामे की पटकथा

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आगरा के अछनेरा क्षेत्र में एक 48 वर्षीय अवर अभियंता के साथ स्थानीय गुंडों द्वारा किए गए हमले की घटना ने गंभीर चिंता पैदा की है। घटना के 48 घंटे बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। एक वायरल ऑडियो में यह सामने आया कि घटना के बाद अवर अभियंता को भारी दबाव का सामना करना पड़ा और उन्हें पुलिस स्टेशन पर विभागीय अधिकारियों का समर्थन नहीं मिला। स्थानीय प्रतिनिधियों ने समझौता कराने के लिए प्रभाव डाला, जिससे आरोपियों के खिलाफ कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं हुई।

आगरा (किरावली): थाना अछनेरा के गांव अंगनपुरा में बीते दिनों अवर अभियंता की दबंग द्वारा पिटाई और सरकारी अभिलेख फाड़े जाने की घटना ने एक बड़ा तूल पकड़ लिया है। इस मामले में विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों की चुप्पी सभी को हैरान कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, घटना के 48 घंटे बीतने के बावजूद थाना अछनेरा पुलिस की कार्रवाई का नामो-निशान नहीं है। इस बीच, विद्युत विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। घटना के समय मौके पर पहुंचे अवर अभियंता के साथ जो हुआ, उसके बावजूद उन्हें और भी दवाब का सामना करना पड़ रहा है। एक वायरल ऑडियो में यह स्पष्ट हुआ है कि अवर अभियंता के साथ राजनीति के कारण उन्हें भारी मानसिक दबाव का सामना करना पड़ा।

थाने पर विभागीय लोगों का साथ न होना

वायरल ऑडियो के अनुसार, अवर अभियंता जब थाने पहुंचे तो उनके साथ कोई उच्चाधिकारी नहीं था। स्थानीय छुटभैया लोगों ने उन पर दवाब बनाना शुरू कर दिया। इस दवाब के कारण थाने में भी उनकी स्थिति खराब हो गई। पुलिस ने उन्हें थाने में रोकने के लिए उनकी गाड़ी की चाबी भी निकाल ली। वहीं, एक जनप्रतिनिधि के नाम का जिक्र बार-बार होता रहा, जिसके कारण अवर अभियंता के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

विभिन्न अधिकारियों के बयानों में विरोधाभास

अवर अभियंता के मामले में थाना प्रभारी से लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों के बयानों में स्पष्ट विरोधाभास देखने को मिला। अधीक्षण अभियंता ने कहा कि उन्हें इस गंभीर प्रकरण की कोई जानकारी नहीं दी गई। वहीं, अधिशासी अभियंता ने दावा किया कि अवर अभियंता की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। दूसरी ओर, थाना प्रभारी ने कहा कि गांव के एक प्रधानपति के दबाव में समझौता हो गया है और अब अवर अभियंता कोई कार्रवाई नहीं चाहते।

अवर अभियंता की स्थिति

वायरल ऑडियो में बार-बार यह बताया गया है कि अवर अभियंता ने समझौता करके गलती की है। आगे चलकर विद्युत चोरी रोकने के लिए अधिकारी गांवों में कैसे जाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है। अवर अभियंता ने स्पष्ट किया कि वे कार्रवाई चाहते थे, लेकिन उच्चाधिकारियों ने उनका साथ नहीं दिया और थाने पर भी दवाब की रणनीति बनाई गई।

यह पूरा प्रकरण उच्चाधिकारियों की मिलीभगत और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाता है, जो अंततः अवर अभियंता और आम जनता के लिए एक चिंताजनक स्थिति उत्पन्न करता है।

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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