- हनुमान की प्रतिमा नहीं लगेगी तब तक नहीं करेंगे जलपान : संत समाज
- तहसील के गेट पर ताला हिंदू वादियों का 3 घंटे हंगामा
- तहसील में नहीं घुसने दी मजिस्ट्रेट की गाड़ी
- हनुमान प्रतिमा को ले जाने पर संत समाज में आक्रोश
आगरा। तहसील एत्मादपुर में सुबह 11:00 बजे तक तो हर रोज की तरह हाल देखा गया लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता गया वैसे ही तहसील का माहौल बदलता चला गया। सुबह संतों की एक गाड़ी पहुंची उसके बाद दूसरी गाड़ी एक के बाद एक हिंदूवादी संगठन के लोग तहसील परिसर में केसरिया झंडा लेकर पहुंचे संत समाज साथ में था। जय जयकार के नारे जय श्री राम जय हनुमान के नारों से तहसील गूंजने लगी देखते ही देखते हिंदूवादी संगठन के लोगों ने तहसील के गेट पर ताला डाल दिया मजिस्ट्रेट की गाड़ी को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। जैसे ही गेट पर ताला लगाया गया कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। सभी को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारियों में भारी आक्रोश फैला हुआ था तो वही संत समाज की आंखों में आंसू थे। उनका आरोप था कि हनुमान जी की प्रतिमा को ले जाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और हनुमान प्रतिमा को उसी स्थान पर ले जाकर रखा जाना चाहिए जहां उनकी सेवा होगी ।
काफी समय तक हंगामा चलता रहा। हनुमान चालीसा का पाठ होने लगा के ताला लगा रहा। खोलने की किसी की हिम्मत नहीं पड़ी क्योंकि हिंदूवादी संगठन के लोग संत समाज मिलकर आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में था। जंगी आंदोलन की तैयारी दिखाई दे रही थी तो वहीं शासन-प्रशासन के लोग चुपचाप देखते रहे कि कहीं कुछ बिगड़ न जाए।
ये है पूरा मामला
थाना खंदौली के ग्राम पंचायत पौईया के मजरा बास इन्सान का मामला है। गांव के बाहर गणेश राम के संत रहते हैं। संत द्वारा दो-तीन वर्ष पहले खाली पड़ी जमीन पर हनुमान जी को विराजमान किया था। वही गौ सेवा करने लगे और अपनी जीविका का पालन करते खाली पड़ी हुई जमीन पर अपने खाने पीने और गायों के खाने के लिए चारा उगाते उसी से उनकी सेवा करते। आश्रम पर आने वाले संतों की भी सेवा करते। संत गणेश गाय वाले के नाम से प्रसिद्ध बाबा दिव्यांग है फिर भी सभी की सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं। उसी आश्रम के पास कब्रिस्तान भी बना हुआ है। कुछ लोगों की नजर इस भूमि पर पड़ी हुई थी। संत का कहना था कि कई वर्ष पहले इस भूमि पर शराबी जुआरियों का अड्डा लगा रहता था। लेकिन जिस दिन से हनुमान जी विराजमान हुए और आश्रम बनाया गया सब खत्म हो गया। गांव के ही कुछ लोग इस भूमि पर नजर बनाए हुए हैं कि इस भूमि को अपने कब्जे में लिया जाए। 5 दिन पहले एत्मादपुर नायब तहसीलदार लेखपाल, कानूनगो, ग्राम पंचायत सेक्रेटरी, ग्राम प्रधान एवं कुछ अपराधी टाइप के लोग मंदिर पर पहुंचे और उन्होंने हनुमान जी की प्रतिमा को रस्सियों से बांधकर खींच कर ले जाकर कहीं छुपा दिया। जब विरोध किया तो धमकाया गया । वहां मौजूद पुलिस भी थी लेकिन जिस प्रकार हनुमान जी की दुर्दशा की गई संत पर देखी नहीं गई। दूसरे दिन कुछ हिंदूवादी लोग आश्रम पहुंचे और थाना खंदौली जाकर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने घेराव किया। उन लोगों के खिलाफ थाने पर मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया जो मूर्ति लेकर गए थे। जिसमें तहसील के लोगों को भी पार्टी बनाया गया था लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे संत समाज में आक्रोश फैलता चला गया । जैसे ही खबर हिंदूवादी लोगों को मिली तो उनके अंदर भी रोष व्याप्त हो गया। सोमवार को तहसील एत्मादपुर में सैकड़ों की संख्या में हिंदूवादी लोग और संत समाज एकजुट होकर पहुंचे और हल्ला बोल कर दिया। चारों तरफ जय जयकार होने लगी। गेट बंद कर दिए गए। कोई काम नहीं होने दिया ।उनकी मांग थी कि जब तक हनुमान की प्रतिमा को वापस उसी जगह पर नहीं लगाया जाएगा जब तक कोई काम नहीं होगा। लगभग 3 घंटे तक तहसील हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के कब्जे में रही। उसके बाद अधिकारियों को जैसे जानकारी मिली तो एसडीएम खुद हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारियों एवं संत समाज के सामने आए और उन्होंने आश्वासन दिया कि मंगलवार सुबह 10:00 बजे उसी स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कराई जाएगी ।और जो लोग प्रतिमा को लेकर गए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी उसके बाद हिंदूवादी संगठन के लोग एवं संत समाज द्वारा तहसील का ताला खोल दिया गया।
पत्रकारों द्वारा एसडीएम एत्मादपुर से पूछा गया तो उनके द्वारा कहा गया की एडीएम द्वारा आदेश दिया गया था कि चरागाह की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है उसको तत्काल हटाया जाए। सरकारी जमीन पर कोई कब्जा नहीं होगा। अधिकारियों को जांच सौंपी गई है उसी के आधार पर कार्रवाई होगी।
अब देखना होगा कि हनुमान की प्रतिमा उसी स्थान पर रखी जाएगी या फिर नहीं या केवल हिंदूवादी संगठन के लोगों को अधिकारियों द्वारा लॉलीपॉप देकर तहसील से हटा दिया गया है। वहीँ हिंदूवादी संगठन के लोगों का कहना है कि अगर हनुमान की प्रतिमा उसी स्थान पर नहीं लगाई गई और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो फिर आर पार की लड़ाई के लिए प्रशासन तैयार हो जाए । संत लोगों का कहना है कि प्रशासन के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा जब तक हनुमान की प्रतिमा नहीं लगाई जाएगी तब तक संत लोग जलपान नहीं करेंगे।