आगरा: आर्थिक तंगी और घरेलू झगड़ों से परेशान एक व्यक्ति ने यमुना नदी में आत्महत्या के प्रयास में छलांग लगा दी। घटना प्रकाश नगर, थाना एत्माद्दौला क्षेत्र की है, जहां गिरीश नामक 45 वर्षीय मजदूर ने शाम 8:00 बजे स्ट्रेची पुल से यमुना नदी में छलांग लगा दी। गिरीश के इस कदम के पीछे घरेलू समस्याओं और पैसों की किल्लत का बड़ा हाथ था, जो उसके मानसिक तनाव को बढ़ा रहा था।
गिरीश की पत्नी ललिता और तीन बेटियाँ—गुनगुन, काजल, मुस्कान, और एक बेटा शिवम—के साथ घर में पैसों की तंगी के चलते अक्सर झगड़े होते रहते थे। इस तनाव और निराशा से जूझते हुए गिरीश ने आत्महत्या का extreme कदम उठाया। लेकिन उसकी किस्मत ने साथ दिया और वह यमुना नदी के बीचोंबीच एक टीले पर फंस गया। टीले पर फंसने के बाद, गिरीश ने मदद के लिए जोर-जोर से आवाज लगानी शुरू कर दी।
स्थानीय लोगों ने उसकी चिल्लाने की आवाज सुनकर डायल 112 पर सूचना दी। सूचना प्राप्त होते ही पीआरवी 3077 ने घटना स्थल पर पहुँच कर थाने को सूचित किया। इसके बाद, रामबाग डिवीजन चौकी और थाना पुलिस के साथ पंद्रहवीं वाहिनी पीएसी के सिपाहियों ने मौके पर पहुँचकर स्टीमर की मदद से गिरीश को सुरक्षित किनारे पर लाया।
गिरीश को बचाने के लिए मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे यमुना नदी से सुरक्षित बाहर निकाला। गिरीश ने अपनी जान बचाने वाले सभी पुलिसकर्मियों का धन्यवाद किया। इस बचाव दल में मुख्य रूप से पीसी कमल सिंह, हेड कांस्टेबल प्रणवीर, कांस्टेबल कपिल, राहुल, सतेंद्र, विजय, लोटस, विवेक यादव, हरवेंद्र सिंह, खेलेंद्र और योगेश शामिल थे।
गिरीश की जान बचाने में लगे सभी पुलिसकर्मियों की तत्परता और साहस की सराहना की जा रही है, जिन्होंने समय रहते उसे सुरक्षित बाहर निकालकर एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।
पुलिस की सराहना
गिरीश ने पुलिसकर्मियों को उनकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की तत्परता और मानवीयता को उजागर किया है।
आत्महत्या कोई समाधान नहीं
यह घटना हमें याद दिलाती है कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। अगर आप किसी तरह की मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं, तो कृपया किसी मनोवैज्ञानिक या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें।