आगरा में हेलीपोर्ट का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ औपचारिकताओं के कारण यह अभी तक चालू नहीं हो पाया है। सिविल सोसायटी ने जनप्रतिनिधियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
आगरा: ताजमहल का दीदार अब आकाश से करने की सुविधा जल्द ही उपलब्ध हो सकती है। आगरा में बना हेलीपोर्ट अब उपयोग में लाने के लिए तैयार है, लेकिन इसकी औपचारिकताओं को पूरा करने की आवश्यकता है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने इस मुद्दे पर जोर दिया है कि राज्य सरकार को हेलीपोर्ट संचालन में हो रही देरी के कारणों की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।
क्या हैं बाधाएं?
जनप्रतिनिधियों की भूमिका
सिविल सोसायटी का मानना है कि आगरा के जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे को लेकर संबंधित विभागों से मिलकर जानकारी साझा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा किए गए हेलीपोर्ट के शिलान्यास के बाद सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी हो जानी चाहिए थीं। यदि कोई बाधा है, तो इसे जनप्रतिनिधियों के माध्यम से हल किया जा सकता है।
महत्वपूर्ण अवस्थापना
बरौली अहीर विकास खंड में स्थित यह हेलीपोर्ट आगरा के पर्यटन को एक नई दिशा देगा। इसके संचालन से न केवल ताजमहल, बल्कि मथुरा, वृंदावन और बटेश्वर जैसे अन्य तीर्थ स्थल भी लाभान्वित होंगे। आगरा में हेलीपोर्ट के शुरू होने से पर्यटकों को आसानी से अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद मिलेगी।
नो फ्लाई जोन की चुनौतियाँ
सिविल सोसायटी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ताजमहल को ‘नो फ्लाई जोन’ की सूची से बाहर निकालने की आवश्यकता है। यदि जनप्रतिनिधि एकजुट होकर इस मुद्दे को उठाते हैं, तो ताजमहल के ऊपर उड़ान भरने की अनुमति मिलने की संभावना है। वर्तमान में, ड्रोन उड़ाने पर भी पाबंदी है, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से यदि उचित तरीके से रखा जाए, तो सरकार इसमें ढील दे सकती है।
गांव के लोग हैं आशान्वित
मदरा गांव के प्रधान बाबू लाल यादव ने बताया कि हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए गांव वालों ने अपनी जमीनें दी हैं, और अब उन्हें उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट शीघ्र शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि गांव के बेरोजगार युवाओं को हेलीपोर्ट के संचालन के दौरान प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और संबंधित विभाग को फीडबैक भेजा है। यदि यह प्रोजेक्ट शुरू होता है, तो न केवल आगरा बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।