आगरा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 9 अक्टूबर को “छात्र हुंकार आंदोलन” की घोषणा की है। इस आंदोलन के तहत विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर और संबंधित महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्र हितों के हनन के खिलाफ पालीवाल कैम्पस का घेराव करेंगे।
विद्यार्थी परिषद ने 25 सितंबर को विश्वविद्यालय की कुलपति को छात्रों की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। परिषद के सदस्यों का कहना है कि अभी तक इस ज्ञापन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण छात्रों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
परिषद के प्रांत सहमंत्री शुभम कश्यप ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों के मौलिक अधिकारों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि छात्र हजारों रुपए की फीस देने के बावजूद विश्वविद्यालय उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पा रहा है। कश्यप ने बताया कि विश्वविद्यालय न तो समय पर परीक्षाएं आयोजित कर पा रहा है और न ही सही परीक्षाफल जारी कर पा रहा है।
प्रांत मीडिया संयोजक प्रियंका तिवारी ने बताया कि छात्र हुंकार आंदोलन के लिए महाविद्यालयों में विद्यार्थियों से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा, आसपास के जिलों के कार्यकर्ता और छात्र भी इस आंदोलन में शामिल होंगे। परिषद का लक्ष्य है कि छात्र-छात्राएं एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं और प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ खड़े हों।