मैनपुरी। फतह करने के लिए सपा और भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। समाजवादी पार्टी का हर नेता चुनाव में नेताजी के नाम का सहारा लेकर मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश में है। नेताजी के नाम का सहारा लेने में भाजपा भी पीछे नहीं है। पहले तो भाजपा प्रत्याशी ने नेताजी को श्रद्धांजलि देने के बाद नामांकन दाखिल किया और अब खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी गढ़ में सेंध लगाने के लिए नेताजी मुलायम सिंह यादव के नाम का सहारा लिया है। माना जा रहे है कि सीएम योगी की इस चाल से अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
नामांकन से लेकर अब तक सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रत्याशी डिंपल यादव सहित सैफई परिवार के अन्य नेता मतदाताओं को भावनात्मक रिश्ते में बांधने की कोशिश कर रहे हैं। सैफई परिवार का हर नेता मंच पर अपने भाषणों में सपा को जिताकर नेताजी को श्रद्धांजलि देने की अपील कर रहा है।
भाजपा भी नेताजी के नाम का सहारा लेने में पीछे नहीं है। सोमवार को सैफई से कुछ किलोमीटर की दूरी पर करहल में जनसभा करते हुए भाजपा के स्टार प्रचारक और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नेताजी मुलायम सिंह यादव के नाम का सहारा लेते हुए नजर आए।
करहल के मंच से उन्होंने कहा कि नेताजी ने 2019 के चुनाव से पहले संसद में कह दिया था अब भाजपा ही आएगी। नेताजी के आशीर्वाद का परिणाम था कि हमने आजमगढ़ और रामपुर में सपा के परंपरागत सीटों को ध्वस्त करते हुए भारी बहुमत से जीत हासिल की और अब मैनपुरी भी हम जीतने जा रहे हैं।
धरतीपुत्र को किया नमन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में मैनपुरी की धरती को ऋषि मुनियों की धरती बताते हुए नमन किया। इनके बाद उन्होंने सपा संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव को भी मंच से नमन किया। कहीं न कहीं योगी आदित्यनाथ की कोशिश सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की रही। नेताजी का नाम लेते ही पंडाल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी।
प्रत्याशी ने भी दी थी श्रद्धांजलि
भाजपा प्रत्याशी रघुराज शाक्य भी चुनाव प्रचार में नेताजी के नाम का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने सैफई में नेताजी की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद नामांकन किया था। इसके बाद वह अपनी जनसभाओं में मुलायम का शिष्य होने के नाते मैनपुरी पर अपना हक जताते आ रहे हैं।