भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके करीबी सहयोगी चेतन सिंह गौर के ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा हाल ही में किए गए छापे के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं। लोकायुक्त पुलिस द्वारा खंगाले गए दस्तावेजों में 50 से अधिक बेनामी संपत्तियों का पता चला है, जिनमें मुख्य रूप से ज़मीनें शामिल हैं। इन संपत्तियों के मालिकों से पुलिस पूछताछ कर रही है और जल्द ही इन संपत्तियों को बेनामी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सौरभ और चेतन के संबंधों में गहरे राज
लोकायुक्त पुलिस की जांच के दौरान यह भी पता चला कि चेतन सिंह गौर और सौरभ शर्मा के बीच न केवल करीबी संबंध थे, बल्कि इन दोनों ने मिलकर कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया। सौरभ के करीबी रिश्तेदार भी अब पुलिस के रडार पर हैं। यह दोनों ही आरोपी पहले से ही आयकर विभाग और पुलिस द्वारा पूछताछ का सामना कर चुके हैं। चेतन सिंह गौर ने पहले बताया था कि सौरभ ने उसके नाम से फिशरीज का ठेका और पेट्रोल पंप लिया था, जो अब जांच के दायरे में है।
दुबई में भी बेनामी संपत्ति का मामला
लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापे के दौरान सौरभ की विदेशों में संपत्तियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दुबई में भी सौरभ के बेनामी संपत्ति के होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बारे में अब सौरभ से पूछताछ करने की प्रक्रिया चल रही है।
कार में 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नगद
लोकायुक्त पुलिस के छापे के अगले दिन, चेतन सिंह गौर के नाम से एक कार जब्त की गई, जिसमें 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले थे। हालांकि, चेतन ने दावा किया था कि यह कार सौरभ और उसके कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही थी, लेकिन इस मामले में अब तक किसी ठोस जानकारी का खुलासा नहीं हो सका है।
सौरभ का लुकआउट सर्कुलर और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया जा चुका है, क्योंकि वह जांच से भागने की कोशिश कर रहा है और अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। सौरभ की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है, और जिला न्यायालय भोपाल से उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है, जिससे अब उसके समर्पण के आसार बढ़ गए हैं।
आयकर और प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहे हैं जांच
लोकायुक्त पुलिस द्वारा की जा रही इस जांच के अलावा, सौरभ शर्मा की बेनामी संपत्तियों की जांच आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भी की जा रही है। हालांकि, इन एजेंसियों की जांच भी तब तक आगे नहीं बढ़ पा रही है, जब तक सौरभ से पूछताछ नहीं हो पाती।
बेनामी संपत्तियां राजसात करने की प्रक्रिया
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत, जो संपत्तियां आय से अधिक हैं और जिन्हें बेनामी घोषित किया गया है, उन्हें राजसात कर लिया जाता है। यदि सौरभ की बेनामी संपत्तियां साबित होती हैं, तो इन संपत्तियों को राज्य सरकार द्वारा राजसात करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
नेता अरुण यादव का सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सौरभ शर्मा के मामले को लेकर राज्य सरकार से कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। यादव ने 20 दिन पहले सरकार से 10 महत्वपूर्ण सवाल पूछे थे, जिनके जवाब अब तक नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने सौरभ शर्मा की परिवहन विभाग में नियुक्ति, उसकी गिरफ्तारी न होने, उसके यहां कथित डायरी के बारे में जानकारी देने और विभागीय जांच की स्थिति पर सवाल उठाए हैं।