दुराचार आरोपी चिकित्सक की अग्रिम जमानत स्वीकृत, 19 वर्ष पुरानी घटना का मामला

MD Khan
By MD Khan
3 Min Read

आगरा: 19 वर्ष पूर्व दुराचार के आरोप में फंसे चिकित्सक डॉ. प्रवीन कुमार की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को जिला न्यायालय ने स्वीकृत कर दिया है। यह मामला एक स्टाफ नर्स द्वारा थाना हरीपर्वत में दुराचार की शिकायत दर्ज कराने से संबंधित है, जो 19 साल पहले की घटना पर आधारित है। आरोपी चिकित्सक की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने पहले ही रोक लगा दी थी। अब जिला जज ने आरोपी को 50 हजार रुपये की जमानत पर राहत प्रदान की है।

मामले का विवरण

यह मामला वर्ष 2005 का है, जब स्टाफ नर्स ने तत्कालीन एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि वह जीजी नर्सिंग होम में स्टाफ नर्स के रूप में काम करती थी। चार वर्ष पहले डॉ. प्रवीन कुमार, जो कि एक चिकित्सक थे, नर्सिंग होम में इंटर्नशिप करने के लिए आए थे। दोनों के बीच दोस्ती हो गई, और आरोपी ने वादनी से शादी करने का वादा किया था। हालांकि, जब वादनी के कई रिश्ते आने लगे तो आरोपी ने शादी करने से इंकार कर दिया।

See also  हिंदुवादी कार्यकर्ताओं की हनुमान चालीसा की धुन पर खुल गया मंदिर का ताला

वादिनी का आरोप था कि आरोपी ने उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया, जिसके कारण वह गर्भवती हो गई। जब उसने आरोपी को गर्भवती होने की जानकारी दी, तो आरोपी ने उसे गर्भपात कराने का दबाव डाला और अंततः वादिनी को छोड़कर आगरा आ गया।

हाईकोर्ट की रोक

वादनी ने अपने आरोप के बाद थाना हरीपर्वत में दुराचार का मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, और पुलिस को मामले की विवेचना जारी रखने का निर्देश दिया।

अग्रिम जमानत पर सुनवाई

आरोपी ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता अमीर अहमद के माध्यम से जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। आरोपी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि वादिनी ने एफआईआर में दुराचार की घटना के समय और तारीख का कोई उल्लेख नहीं किया है। साथ ही, उसने अपना मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया और न ही मजिस्ट्रेट के सामने 164 दप्रस के बयान दर्ज कराए।

See also  UP News : 15 IPS transfer, योगी सरकार ने 15 आईपीएस अधिकारियों के किए तबादले, देखें लिस्ट

आरोपी के वकील ने यह भी आरोप लगाया कि वादनी आरोपी पर शादी का दबाव डालती थी और जब आरोपी ने शादी से इनकार किया तो कुपित होकर उसने इस मामले को दर्ज कराया। हालांकि, वादनी की मां और डॉ. डीसी गोयल ने विवेचक को दिए गए अपने बयान में वादनी के आरोपों का समर्थन किया था।

सीजेएम का आदेश

सभी तर्कों और साक्ष्यों पर विचार करते हुए जिला जज ने आरोपी डॉ. प्रवीन कुमार की अग्रिम जमानत स्वीकृत कर दी। उन्हें 50 हजार रुपये की दो जमानत राशि पर रिहाई के आदेश दिए गए।

See also  विद्युत पोल के बगल में लगे स्टील स्टैंड को हटवाने की मांग, डीएम को दी शिकायत में विपक्षियों पर लगाए दबंगई के आरोप
Share This Article
Leave a comment