आगरा: टोरेंट पावर, जो अक्सर अपनी दबंगई और उपभोक्ताओं को परेशान करने के लिए सुर्खियों में रहती है, अब एक नई वजह से चर्चा का विषय बन गई है। आगरा के आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 8 में बनाए जाने वाले सार्वजनिक पार्क की भूमि पर अवैध कब्जा कर इसने क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। इस अवैध कब्जे के कारण पार्क बनाने का सपना असुरक्षित हो गया है, और लोग इसके समाधान के लिए अब मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं।
क्या है मामला?
आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 8 में क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य के लिए पार्क बनाने की योजना थी। इस परियोजना के तहत एक बड़ा भूभाग छोड़कर क्षेत्रवासियों के लिए पार्क का निर्माण प्रस्तावित था। इसके लिए हनुमान पार्क विकास सेवा समिति द्वारा योजना बनाई जा रही थी। लेकिन टोरेंट पावर ने पार्क की भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया। इससे न केवल क्षेत्रवासियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि उनका सपना भी चुराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री से की गई गुहार
हनुमान पार्क विकास सेवा समिति ने 16 नवंबर को मुख्यमंत्री के पोर्टल आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई, जिसमें पार्क की भूमि से टोरेंट पावर द्वारा किए गए अवैध कब्जे को हटाने की मांग की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन के संयुक्त सचिव अरविंद मोहन ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि इस मामले में 3 दिसंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इस मामले में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि क्षेत्रवासियों को उनके स्वास्थ्य के लिए बनाए जाने वाले पार्क का लाभ मिल सके।
क्षेत्रवासियों में बढ़ रहा आक्रोश
इस मुद्दे को लेकर क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कई बार स्थानीय अधिकारियों से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हनुमान पार्क विकास सेवा समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार खंडेलवाल ने कहा, “टोरेंट पावर ने पार्क की भूमि पर अवैध कब्जा कर हमारे स्वास्थ्य पर कुठाराघात किया है। हम अब मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि इस कब्जे को जल्द से जल्द हटाया जाए, ताकि हम अपने पार्क के निर्माण की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर सकें।”
सिस्टम की सुस्ती और नागरिकों का इंतजार
टोरेंट पावर द्वारा अवैध कब्जे के बावजूद, प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। टोरेंट पावर के पीआरओ भूपेंद्र सिंह से जब इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। ऐसे में क्षेत्रवासियों को अब शासन की ओर से ही समाधान का इंतजार है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री से की गई शिकायत पर शासन ने संज्ञान लिया है और जिला प्रशासन से 3 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई करता है और टोरेंट पावर को पार्क की भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए क्या कदम उठाता है।