भरतपुर: कृषि महाविद्यालय भुसावर की एनएसएस इकाई द्वारा मंगलवार को भारत सरकार के नशा मुक्ति अभियान के तहत एक विशाल जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य समाज में नशे से होने वाली हानियों के प्रति जागरूकता फैलाना था और लोगों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा देना था।
रैली का शुभारंभ महाविद्यालय के डीन डॉ. उदय भान सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया। इस मौके पर महाविद्यालय के एनएसएस वालंटियर्स तख्तियां लेकर नशा मुक्ति के पक्ष में नारे लगाते हुए रैली में शामिल हुए। रैली के बाद, एनएसएस वालंटियर्स ने भुसावर स्थित श्रीराम गौशाला का भ्रमण किया और वहां के प्रबंधन से नशे के प्रभाव के बारे में जानकारी ली।
रैली में शामिल विद्यार्थियों ने आम जनमानस को नशे से शरीर और परिवार पर पड़ने वाली हानियों के बारे में बताया। उन्होंने नशे से दूर रहने की अपील की और इसके प्रभावों के बारे में समझाया।
डॉ. उदय भान सिंह का संदेश
डॉ. उदय भान सिंह ने रैली के दौरान बताया कि पूरी दुनिया नशे की लत के खतरे का सामना कर रही है, जो न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य पर, बल्कि परिवार और समाज पर भी विनाशकारी प्रभाव डालती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 60 मिलियन से अधिक नशीली दवाओं के उपयोगकर्ता हैं, जिनमें एक चौथाई उपयोगकर्ता 10 से 17 वर्ष आयु वर्ग के हैं।
नशे के प्रभाव पर डॉ. मोहित कुमार का बयान
एनएसएस प्रभारी डॉ. मोहित कुमार ने कहा कि धूम्रपान, शराब, कोकीन और हेरोइन जैसे नशे के लक्षण गंभीर होते हैं। इन नशों का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। कोकीन और हेरोइन जैसी नशीली दवाओं की लत छोड़ना कठिन होता है, और नशे का आदी व्यक्ति न केवल अपने जीवन को नष्ट करता है, बल्कि उसके परिवार की खुशियां भी छीन लेता है।
नशीली दवाओं के प्रभाव पर डॉ. राहुल कुमार की चेतावनी
डॉ. राहुल कुमार ने कहा कि नशीली दवाएं रक्त के माध्यम से मस्तिष्क पर प्रभाव डालती हैं, जिससे मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है और व्यक्ति अपराधों की ओर भी बढ़ सकता है। नशे की लत से समाज में अपराध की दर बढ़ जाती है और यह समाज के लिए खतरे की घंटी साबित होती है।
गौशाला में भ्रमण और गौवंश का महत्व
गौशाला भ्रमण के दौरान गौशाला प्रबंधक श्री देवेन्द्र पांडेय ने कहा कि पशुपालन और कृषि एक-दूसरे के पूरक हैं। गाय का दूध, गोबर और मूत्र स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी होते हैं, और गाय के मूत्र में औषधीय गुण होते हैं। एनएसएस वालंटियर्स ने इस दौरान गायों को गुड़ खिलाकर गौशाला में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य लोग
कार्यक्रम में डॉ. बी. एल. जाखड़, डॉ. शंकर लाल यादव, भानुप्रिया पकंज, गीता गवारिया सहित महाविद्यालय के सभी स्टॉफ और विद्यार्थी उपस्थित थे।
समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाना
यह जागरूकता रैली समाज में नशे के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। नशे के प्रति बढ़ती जागरूकता और इसके खतरों के बारे में लोगों को समझाना महत्त्वपूर्ण है, ताकि हमारे समाज को इस खतरनाक समस्या से मुक्ति मिल सके।
नशे से बचाव के लिए ऐसे आयोजनों की जरूरत
समाज में नशे के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस तरह के जागरूकता अभियान बहुत महत्वपूर्ण हैं। नशे के प्रति सजगता और इससे संबंधित जानकारी से हम एक स्वस्थ और खुशहाल समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।