अयोध्या, यूपी: राम नगरी अयोध्या में होमस्टे और होटल व्यवसाय पर नगर निगम की सख्ती बढ़ने वाली है। नगर निगम ने 5 या उससे अधिक कमरों वाले होमस्टे को अब कमर्शियल टैक्स के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। यह कदम पर्यटकों की बढ़ती संख्या और होमस्टे एवं होटल के संचालन में हो रही अनियमितताओं को देखते हुए उठाया गया है। इसके लिए नगर निगम ने एक व्यापक सर्वे शुरू किया है, जिसमें यह जांचा जाएगा कि कितने होमस्टे वास्तव में बड़े होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं।
नगर आयुक्त ने की पुष्टि
नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने बताया कि अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है, और इसके साथ ही होमस्टे और होटल का संचालन भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। वर्तमान में अयोध्या में 1000 से अधिक होमस्टे और सैकड़ों होटल संचालित हो रहे हैं, लेकिन होमस्टे के नाम पर कई जगहों पर बड़े होटल जैसा संचालन किया जा रहा है। ऐसे मामलों में नगर निगम अब सख्त कार्रवाई करेगा और नियमों के तहत कमर्शियल टैक्स वसूला जाएगा।
जीआई टैक्स सर्वे के बाद बढ़ी सख्ती
नगर निगम ने हाल ही में जीआई टैक्स (ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर टैक्स) के संबंध में एक सर्वे कराया था, जिसमें यह पाया गया कि कई होमस्टे में 5 या उससे अधिक कमरों का संचालन किया जा रहा है। इस सर्वे के आधार पर नगर निगम ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे होमस्टे को अब कमर्शियल टैक्स के दायरे में लाया जाएगा। नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने कहा कि इन मामलों में नियमों का पालन करते हुए टैक्स वसूला जाएगा।
मठ-मंदिर टैक्स से बाहर
अयोध्या एक धार्मिक नगरी होने के कारण, यहां के मठ और मंदिरों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। नगर निगम ने यह स्पष्ट किया है कि धर्मशालाओं और मंदिरों में रुकने वाले श्रद्धालुओं से कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। यह निर्णय धार्मिक गतिविधियों और श्रद्धालुओं की सहूलत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
नियमों का पालन, न कि उत्पीड़न
नगर निगम का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है, बल्कि नगर के टैक्स नियमों का उचित अनुपालन सुनिश्चित करना है। प्रॉपर्टी के कमर्शियल उपयोग पर उचित टैक्स लिया जाएगा, ताकि सभी व्यवसायिक गतिविधियाँ नियमों के तहत संचालित हो सकें और शहर में कोई भी अनियमितता न हो।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में सुधार
अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और नगर निगम इस कदम को उठाकर शहर में होटलों और होमस्टे के संचालन को व्यवस्थित करना चाहता है। इस फैसले से पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी और होमस्टे एवं होटल व्यवसायियों को भी एक साफ और पारदर्शी व्यवस्था का लाभ मिलेगा। नगर निगम का मानना है कि इससे शहर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।
नगर निगम की योजना
नगर निगम की योजना है कि वे होमस्टे और होटल व्यवसायियों को टैक्स के बारे में पूरी जानकारी दें और उन्हें नियमों के अनुसार टैक्स भरने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, निगम के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी व्यवसायिक गतिविधियाँ धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुरूप चलें और किसी भी तरह का अनावश्यक व्यवधान न हो।
अयोध्या में होमस्टे और होटल संचालित करने वालों पर कमर्शियल टैक्स लागू करने का निर्णय नगर निगम द्वारा एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल शहर में व्यावसायिक गतिविधियों को व्यवस्थित करेगा, बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं भी प्रदान करेगा। इस निर्णय से शहर की टैक्स व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी व्यवसायों को उचित टैक्स का भुगतान करना पड़े, जो शहर के विकास में योगदान करेगा।