आगरा में गांधी जयंती पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के एक बयान ने सर्व शिक्षा अभियान पर सवाल उठाए हैं। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं है, जबकि आगरा में 2491 परिषदीय विद्यालयों में से 1035 में 50 से कम छात्र हैं। उनके इस बयान ने अभियान की सफलता पर गंभीरता से सोचने को मजबूर किया है। मंत्री ने शिक्षकों की कमी और अन्य समस्याओं पर चर्चा करने से भी परहेज किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस दौरान विभागीय अधिकारियों की चिंता भी साफ नजर आई, खासकर जब मंत्री ने गंभीर विषयों का संज्ञान लेना जरूरी नहीं समझा। आगरा का बेसिक शिक्षा विभाग हाल ही में भ्रष्टाचार के लिए सुर्खियों में रहा है, और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की कमी से स्थिति और भी चिंताजनक बनी हुई है।
आगरा। गांधी जयंती के अवसर कर बुधवार को आगरा पहुंचे बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह द्वारा दिए गए अजीबोगरीब बयान ने वर्षों से चले आ रहे सर्व शिक्षा अभियान कर ही सवालिया निशान लगा दिया है। जिस अभियान की पूर्ति के लिए सरकार भारी भरकम बजट आवंटित करके परिषदीय विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाने हेतु अभिभावकों को प्रेरित करने का कार्य करती है, उसी विभाग मंत्री के बयान ने अभियान की सफलता पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया गया है।
आपको बता दें कि आगरा में कार्यक्रम के दौरान मंत्री से पूछा गया कि आगरा में कुल 2491 परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें 1035 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें 50 से कम छात्र संख्या है। इस सवाल का मंत्री द्वारा दिया गया जवाब मौजूदा लोगों को भी हैरान कर गया। मंत्री के अनुसार, सरकार द्वारा प्रत्येक बच्चे को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए पूरे प्रयास हो रहे हैं। प्रदेश में शायद कोई बच्चा हो जो स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। इसी क्रम में मंत्री द्वारा बोला गया कि हमारा लक्ष्य यह नहीं होना चाहिए कि स्कूल में कितने छात्र हैं, हमारा लक्ष्य सिर्फ यह है कि छात्रों को शिक्षा से जोड़ना चाहिए। वहीं मंत्री ने कहा कि अभिभावकों की मर्जी है कि वह अपने बच्चों को कहीं भी पढ़ाएं। कार्यक्रम के दौरान मंत्री परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी सहित अन्य विषयों पर वार्ता करने से पल्ला झाड़ते नजर आए।
आगरा के गंभीर विषयों का संज्ञान लेना नहीं समझा जरूरी
विभाग के मुखिया जब आगरा पहुंचे तो विभागीय अधिकारियों की सांसें फूली हुई थी। कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी करके जब मंत्री आगरा से रवाना हो गए तो अधिकारी भी फूले नहीं समा रहे थे। उल्लेखनीय है कि काफी समय से आगरा का बेसिक शिक्षा विभाग अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के लिए सुर्खियों में बना हुआ है। मुख्यालय पर अटैचमेंट पर तैनात बाबुओं का रिलीविंग ऑर्डर जारी होने के बावजूद उन्होंने मुख्यालय से चार्ज नहीं छोड़ा है। कायाकल्प मिशन में भारी धनराशि मिलने के बावजूद जनपद के विद्यालयों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। बीएसए द्वारा गोद लिए विद्यालयों का हाल भी बेहद खराब है। विभागीय बाबुओं के खिलाफ आए दिन सामने आ रहे भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों का संज्ञान लेना भी मंत्री द्वारा जरूरी नहीं समझा गया।