भरतपुर: राज्य सरकार ने अपने जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत, प्रत्येक संभाग स्तर पर तीन-तीन सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स (नव प्रसारक) नियुक्त किए जाएंगे। यह निर्णय प्रदेश सरकार के परिवर्तित बजट 2024-25 के बिंदु संख्या 107 के उप बिंदु 3 के तहत लिया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया के माध्यम से सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना है।
कौशल आधारित नव प्रसारक नीति का उद्देश्य
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का प्रभाव निरंतर बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स ने अपनी नयी पहचान बनाई है, और राज्य सरकार का मानना है कि इन इन्फ्लूएंसर्स के जरिए जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा सकता है। इस योजना के तहत नव प्रसारकों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर प्रभावी ढंग से कंटेंट क्रिएट कर सकें और सरकार की योजनाओं का प्रचार कर सकें।
नव प्रसारकों को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के तहत कंटेंट क्रिएशन, वीडियो एडिटिंग, ऑडियो एडिटिंग, एसईओ, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, ब्रांडिंग, और एनालिटिक्स जैसे डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षित किया जाएगा।
नव प्रसारक के लिए पात्रता
नव प्रसारक बनने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। इसके अलावा, उम्मीदवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स की आधारभूत समझ, हिंदी और अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान और इंटरनेट इस्तेमाल करने की क्षमता होनी चाहिए। विशेष योग्यता के रूप में, उम्मीदवार को फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर नियमित कंटेंट अपलोड करने का अनुभव होना चाहिए। इसके लिए दो श्रेणियाँ बनाई गई हैं:
- श्रेणी ए: 1 लाख से अधिक फॉलोअर्स
- श्रेणी बी: 7,000 से 1 लाख फॉलोअर्स
साथ ही, उम्मीदवार के सोशल मीडिया अकाउंट का कम से कम एक साल पुराना और उस पर पिछले एक साल में 100 पोस्ट होनी चाहिए।
चयन प्रक्रिया
प्रत्येक जिले में जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय प्रभारी के द्वारा नव सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का पैनल तैयार किया जाएगा। पैनल में चयनित उम्मीदवारों को राज्य स्तरीय समिति द्वारा अंतिम रूप से चयनित किया जाएगा। यह चयन प्रक्रिया योग्यता और उपलब्धता के आधार पर की जाएगी।
नव प्रसारकों को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण
चयनित सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को सोशल मीडिया के उपयोग में पारदर्शिता, नैतिकता, डेटा सुरक्षा, कानूनी दायित्वों और सोशल मीडिया के नए ट्रेंड्स पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण अनुभवी इन्फ्लूएंसर्स, डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञों और विषय विशेषज्ञों द्वारा वेबिनार के माध्यम से दिया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण की अवधि एक से दो घंटे होगी और यह प्रत्येक माह दो बार आयोजित किया जाएगा।
नव प्रसारकों की जिम्मेदारियाँ
नव प्रसारकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और निर्णयों के बारे में नियमित रूप से पोस्ट अपलोड करनी होगी। उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लाइव प्रसारण, री-पोस्ट, और क्रिएटिव डिजाइन भी अपलोड करने होंगे। इसके साथ ही, उन्हें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार कार्य करना होगा।
कार्यक्रम की अवधि और मानदेय
यह कार्यक्रम एक वर्ष की अवधि के लिए होगा। यदि नव प्रसारक का प्रदर्शन संतोषजनक रहता है, तो कार्यक्रम की अवधि को 6 माह के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह अवधि दो साल से अधिक नहीं होगी। चयनित नव प्रसारकों को उनके द्वारा किए गए कार्य के आधार पर एक मुश्त राशि का भुगतान किया जाएगा।
- श्रेणी ए नव प्रसारक को 25,000 रुपये प्रति माह
- श्रेणी बी नव प्रसारक को 15,000 रुपये प्रति माह
कार्यक्रम की अवधि के अंत में, नव प्रसारक को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। यदि नव प्रसारक कार्यक्रम को बीच में छोड़ देता है, तो उसे कोई मानदेय नहीं मिलेगा।
कार्यक्रम की संरचना और निगरानी
नव प्रसारकों के कार्यों की निगरानी जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय प्रभारी द्वारा की जाएगी। वे समय-समय पर नव प्रसारकों के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे और आवश्यक सुधार की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे। नव प्रसारक को अपनी प्रगति रिपोर्ट मेंटर को प्रतिमाह प्रस्तुत करनी होगी।
विविध शर्तें
- नव प्रसारक को सरकारी कर्मचारी नहीं माना जाएगा और किसी भी प्रकार की सेवा लाभ नहीं मिलेगा।
- कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या बीमारी के लिए विभाग जिम्मेदार नहीं होगा।
- कार्यक्रम की समाप्ति के बाद नव प्रसारक को कोई भी सेवा लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा।
राज्य सरकार की कौशल आधारित नव प्रसारक नीति से जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में एक नई दिशा मिल सकती है। यह योजना युवाओं को डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षित करने के साथ-साथ सरकार की योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने का एक प्रभावी तरीका साबित हो सकती है। सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का सहयोग प्राप्त करके राज्य सरकार अपनी योजनाओं का सही तरीके से प्रचार कर सकती है और आम जनता तक उनके लाभ पहुँचाने में सफल हो सकती है।