आगरा में साइबर क्राइम का बड़ा खुलासा: इंश्योरेंस धोखाधड़ी में छह गिरफ्तार

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आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने साइबर क्राइम ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया
आगरा। आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर फर्जी सिम कार्ड और खातों का इस्तेमाल करके आम जनता से करोड़ों रुपये ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह ने अब तक चार से पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने उनके पास से एक कीआ सोनेट कार, 10 एंड्रॉयड मोबाइल, 3 की-पैड मोबाइल, एक लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज और चार लाख रुपये नकद बरामद किए हैं।

गिरोह के सदस्य लोगों की लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी का डेटा प्राप्त करके उन्हें फर्जी सिम कार्ड से कॉल करते थे। वे खुद को इंश्योरेंस कंपनी के कस्टमर केयर मैनेजर बताकर पॉलिसी धारकों को रिन्यूवल कराने के नाम पर ठगते थे। उन्होंने लुभावने ऑफर जैसे पॉलिसी पर 50% अतिरिक्त लाभ का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाया। इसके बाद, उन्हें जीएसटी और इनकम टैक्स के नाम पर पैसे जमा करने के लिए मजबूर किया जाता था।

गिरफ्तार अभियुक्त पुष्पेन्द्र, देवेश और पुष्कर अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहे थे। यह गिरोह फर्जी सिम कार्ड के जरिए कॉलिंग करता था और पैसे फर्जी खातों में ट्रांसफर करता था। फर्जी खातों से पैसे निकालने के लिए जनसुविधा केंद्रों का भी इस्तेमाल किया जाता था, जहां से 12% कमीशन लेकर कैश निकाला जाता था।

मुख्य आरोपी नीरज और अजय जनसुविधा केंद्रों के माध्यम से पैसे का लेन-देन करते थे। पुलिस ने बताया कि अजय ने ठगी से अर्जित पैसों से एक कीआ सोनेट कार भी खरीदी थी, जिसे अब बरामद कर लिया गया है। इस गिरोह ने पंजाब पुलिस के एक रिटायर्ड उप-निरीक्षक से भी 90 लाख रुपये की ठगी की थी।

साइबर क्राइम सेल के प्रभारी निरीक्षक विमल कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया। इस अभियान में एसओजी और साइबर क्राइम सेल के अन्य अधिकारियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और अन्य संभावित आरोपियों को पकड़ने के प्रयास कर रही है।

 

 

 

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