प्रयागराज: एप्पल के सह-संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी, अरबपति लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में दीक्षा ग्रहण की है। उन्हें निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने दीक्षा दी और उन्हें नया नाम ‘कमला’ और गोत्र भी प्रदान किया।
दीक्षा और नया नाम – Initiation and New Name
लॉरेन पॉवेल जॉब्स, जो दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक हैं, ने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति में अपनी गहरी रुचि दिखाते हुए महाकुंभ में दीक्षा लेने का निर्णय लिया। निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें विधिवत दीक्षा दी और ‘कमला’ नाम से संबोधित किया। उन्हें स्वामी जी का गोत्र भी प्राप्त हुआ।
अमृत स्नान – Amrit Snan
लॉरेन पॉवेल जॉब्स को पहले मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान में भाग लेना था, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वे ऐसा नहीं कर सकीं। हालांकि, स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन पर गंगाजल छिड़का और उन्हें दीक्षा दी, साथ ही माँ काली का बीज मंत्र भी दिया।
अखाड़ा परिषद का बयान – Statement from Akhara Parishad
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने लॉरेन जॉब्स के आध्यात्मिक झुकाव की प्रशंसा करते हुए कहा, “अध्यात्म की खोज उन्हें यहाँ ले आई है। इस अखाड़े में उनका जिस तरह का व्यवहार है, उससे पता चलता है कि दुनिया की धनी और समृद्ध हस्तियों में से एक होने के बावजूद वह अहंकार से कोसों दूर हैं और किसी तरह का दिखावा नहीं करतीं।”
स्वामी कैलाशानंद गिरि का कहना – What Swami Kailashanand Giri Said
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन के सरल स्वभाव और सनातन धर्म को जानने की उनकी जिज्ञासा की सराहना की। उन्होंने कहा, “वह सरल स्वभाव की हैं और सनातन धर्म को गहराई से जानना चाहती हैं। वह गुरु के बारे में जानना चाहती हैं, उनके मन में हजारों सवाल हैं। इन सभी का उत्तर हमें देना होता है। उनके सभी प्रश्न सनातन धर्म से जुड़े हैं।”