राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर क्षेत्र में स्थित एक धर्मशाला में एक ही परिवार के चार सदस्यों के शव मिलने से सनसनी फैल गई है। मृतकों में पिता, माता, पुत्र और पुत्री शामिल हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और विभिन्न पहलुओं से छानबीन जारी है।
घटना का विवरण
यह घटना मेहंदीपुर बालाजी में करौली जिले की सीमा में स्थित रामकृष्ण धर्मशाला के कमरा नंबर 119 में हुई। धर्मशाला के एक कर्मचारी, बाबूलाल योगी, जब शाम को सफाई करने के लिए कमरे में गया, तो उसने चारों शव पड़े हुए देखे। दो शव बिस्तर पर थे, जबकि दो शव नीचे जमीन पर पड़े थे। कर्मचारी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
मृतकों की पहचान
करौली एसपी ब्रजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि मृतकों की पहचान सुरेंद्र कुमार (पिता), कमलेश (माता), नितिन (पुत्र) और नीलम (पुत्री) के रूप में हुई है। ये सभी देहरादून, उत्तराखंड के रहने वाले थे। नितिन कुमार ने 12 जनवरी को अपना आधार कार्ड (नितिन कुमार पुत्र सुरेश कुमार उपाध्याय, निवासी बांकाखाला, रायपुर, देहरादून) दिखाकर कमरा बुक कराया था।
पुलिस की जांच
टोडाभीम थाना पुलिस, जिसमें थाना अधिकारी देवेंद्र शर्मा और स्थानीय चौकी प्रभारी सुरेश कुमार शामिल थे, घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। करौली एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय खुद इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, मृतकों की मौत 2 से 3 घंटे पहले ही हुई थी। पुलिस का मानना है कि प्रथम दृष्टया यह सामूहिक आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन वे किसी भी संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या चारों की मौत किसी जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई है।
संभावित कारण
पुलिस विभिन्न कोणों से जांच कर रही है, जिनमें शामिल हैं:
- सामूहिक आत्महत्या: पुलिस का मानना है कि यह एक संभावित कारण हो सकता है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की जांच की जा रही है।
- जहरीला पदार्थ: पुलिस इस संभावना की भी जांच कर रही है कि क्या मृतकों ने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन किया था।