थाना सैंया पुलिस ने दलितों की नहीं सुनी आपबीती, कार्रवाई करने की नहीं समझी जरूरत
आगरा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा दलितों के हित में किए जा रहे उल्लेखनीय प्रयासों के बावजूद आगरा में पुलिस का रवैया नहीं सुधर रहा है। दलितों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार को लेकर पुलिस संवेदनहीन बनी हुई है। दलितों के साथ गंभीर घटनाएं होने के बावजूद थानों पर उनको टरकाने का प्रयास हो रहा है।
प्रकरण थाना सैंया क्षेत्र अंतर्गत गांव दनक्शा का है। प्रार्थी रामकिशन पुत्र छीतरिया के अनुसार, बीते मंगलवार को अपने परिवारजनों के साथ खेत पर बाजरे की फसल को काट रहा था। इसी दौरान दबंग जगदीश, भूदेव, देवकीनंदन पुत्रगण रामचरन, पप्पू उर्फ प्रवीण पुत्र रामनारायण, बटुआ उर्फ दुर्गा प्रसाद और शिवकुमार पुत्रगण रामनाथ, महावीर पुत्र महाराज सिंह, मोहित पुत्र महावीर, हरिओम पुत्र दुर्गा प्रसाद निवासी अखैराम का पुरा ने संयुक्त रूप से एकराय होकर रामकिशन के परिवार पर हथियारों से लैस होकर हमला बोल दिया। रामकिशन द्वारा बोई गई फसल को जबरन काटने की कोशिश होने लगी, रामकिशन द्वारा इसका विरोध किया गया, इसके बाद दबंगों का कहर रामकिशन के परिवार पर जमकर बरपा। हमलवार जगदीश ने तमंचा निकालकर फायर ठोक दिया, जिसमें रामकिशन बाल बाल बचा। रामकिशन के पूरे परिवार को जमीन पर पटककर बुरी तरह मारा पीटा गया। रामकिशन के परिवार की चार बाईकों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। रामकिशन के परिवारजनों को बुरी तरह अधमरा करने के बावजूद दबंगों का दुस्साहस नहीं थमा, उनसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। हमलावरों के जाने के बाद पीड़ित परिवार ने 112 पीआरवी को सूचना दी, एक घंटे बाद पीआरवी पुलिस ने पहुंचकर हालातों को देखा।
थाना पुलिस ने ने दिखाई संवेदनहीनता
पीड़ित रामकिशन ने बताया कि हमलवारों द्वारा उसके सिर में सरिया से प्रहार किया गया, उसका सिर खून से लथपथ हो गया। उसके परिवार की महिलाओं के हद दर्जे की शर्मसार करने वाली अभद्रता हुई। इसके बावजूद थाने पर उनकी फरियाद नहीं सुनी गई। आधी रात को थाने पर हमारा पीड़ित परिवार बैठा रहा, लेकिन पुलिस द्वारा कोई भी कदम उठाना जरूरी नहीं समझा।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
पुलिस का प्रथम कर्तव्य घटना होने पर सबसे पहले प्राथमिकी दर्ज करके घायलों को आवश्यक इलाज मुहैया करवाने के उपरांत कार्रवाई करने का होता है। दलित परिवार के लगभग आधा दर्जन लोगों के साथ गंभीर घटना हुई, इसके बावजूद थाना पुलिस ने इसको बेहद हल्के में लिया। घटना के बाद दलितों में सैंया पुलिस के खिलाफ आक्रोश बढ़ने लगा है। दलित समाज अंदर ही अंदर लामबंदी की तैयारी करने लगा है।,,प्रकरण संज्ञान में है। आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।उपेंद्र श्रीवास्तव-थाना प्रभारी, सैंया