आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र को कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्या ने दी सौगात

Dharmender Singh Malik
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मेहरा नाहरगंज के पुल को कराया मंजूर

चुनाव में किये वादे को पूर्ण कर ग्रामीणों का दो दशक पुराना सपना किया साकार

मनीष अग्रवाल

किरावली। प्रदेश सरकार में कद्दावर कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखने वाली बेबीरानी मौर्या अपने उल्लेखनीय कार्यों के बलबूते लीक से हटकर कार्य कर रही हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र आगरा ग्रामीण को विकास की दृष्टि से सिरमौर बनाने की कड़ी में उनके द्वारा मूलभूत सुविधाओं को विकसित कराने पर जोर दिया जा रहा है।

आपको बता दें कि आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गांव मेहरा नाहरगंज से टूंडला मार्ग तक यमुना नदी पर अधूरे पुल को बेबीरानी मौर्या के अथक प्रयासों के फलस्वरूप मंजूरी मिल गयी है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस पुल की मूल लागत 1702.49 लाख से पुनरीक्षित लागत 3790.40 लाख रखी गयी है। इस पुल को मंजूरी मिलने से आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र ही नहीं अपितु दूसरी पार टूंडला फिरोजाबाद क्षेत्र तक खुशी की लहर है। उल्लेखनीय है कि इस पुल को बनाने की मांग विगत दो दशक से की जा रही थी। ग्रामीणों ने विभिन्न जनप्रतिनिधियों से इसको बनवाने की गुहार लगायी, लेकिन किसी ने इसकी पैरवी नहीं की।

तत्कालीन सरकार के दौरान 2012 में इस पुल को मंजूरी मिली भी, लेकिन कुछ निर्माण शुरू होने के बाद इस पर यमुना नदी का दायरा बढ़ने के कारण कार्य को बंद कर दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों की उम्मीदें धूमिल होने लगी। हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में लौटी बेबीरानी मौर्या को आगरा ग्रामीण से टिकट दी गयी तो चुनाव प्रचार के दौरान ग्रामीणों ने उनके समक्ष इस पुल का निर्माण कराने की मांग की। बेबीरानी ने इस पुल का निर्माण कराने का वादा कर दिया। पुल की मंजूरी मिलने के बाद उनका वादा पूरा और ग्रामीणों का सपना साकार हुआ है।

दुल्हनिया भी आएगी और तरकारी भी आएगी

इस पुल के बनने से लगभग आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांवों को फायदा होगा। बरौली अहीर और शमसाबाद ब्लॉक के हजारों ग्रामीण इससे लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि मेहरा नाहरगंज क्षेत्र से यमुना पार क्षेत्र से काफी मात्रा में हरी सब्जियां आती हैं। पचोखरा की हाट जाने वाले ग्रामीणों का भी यही मार्ग है। यमुना नदी के दोनों तरफ रहने वाले लोगों की शादियों में भी अड़चन आती थी। आवागमन का साधन नहीं होने के कारण लड़की पक्ष यहां पर शादी करने से कतराता था। अब इस पुल से होकर दूल्हा के साथ दुल्हनिया भी आएगी।

गौरतलब है कि मात्र 1.5 किलोमीटर दूरी के इस पुल के नहीं होने से ग्रामीणों को इनर रिंग रोड का काफी लंबा चक्कर लगाकर जाना पड़ता था। आकस्मिक स्थिति में ग्रामीणों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। बेबीरानी मौर्या ने इस परेशानी को समझते हुए विधायक और मंत्री बनते ही अपने प्रयास शुरू कर दिए थे।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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