बैठक के मुख्य बिंदु
सरकार्यवाह ने बताया कि बैठक में समाज के नये व्यक्तियों को जोड़ने, विभिन्न आयुवर्ग के लोगों को एक साथ लाने और कार्य विस्तार पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि संघ ने इस वर्ष अपने 99 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं और आगामी विजयादशमी पर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है।
‘स्व’ आधारित जीवनशैली का महत्व
होसबाले ने बताया कि स्वयंसेवक ‘स्व’ आधारित जीवनशैली, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण और नागरिक कर्तव्य जैसे विषयों को लेकर समाज के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा, “समाज में परिवर्तन कैसे होगा, इसकी चिंता हमें स्वयं करनी है।”
कार्य विस्तार की स्थिति
उन्होंने जानकारी दी कि संघ की शाखाएं 45,411 स्थानों पर चल रही हैं, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 3,626 स्थानों की वृद्धि हुई है। इस वर्ष 11,382 स्थानों पर संघ मंडली का काम चल रहा है।
सामाजिक सेवाएं
दत्तात्रेय होसबाले ने बताया कि संघ के स्वयंसेवक आपदा के समय भी सक्रिय रहते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल में बाढ़ के दौरान 25,000 लोगों की मदद की गई, और विभिन्न समुदायों के मृतकों का अंतिम संस्कार भी किया गया।
नैतिकता और संस्कारों का महत्व
सरकार्यवाह ने ‘स्व’ का महत्व बताते हुए कहा कि यह ‘स्वाधीनता’ और ‘राष्ट्रीय स्वत्व’ का प्रतीक है। उन्होंने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें अपनी परंपरा और सभ्यता के अनुभवों के साथ आचरण करना चाहिए।
उन्होंने इंटरनेट प्लेटफार्मों पर सामाजिक मुद्दों के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता जताई और बांग्लादेश में हिन्दू समाज के पलायन की जरूरत नहीं बताई। बैठक में संघ के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।