आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के नजदीक खेरिया मोड़ पुल के नीचे कचरे का अंबार नजर आ रहा है। यह कचरा यहां इकट्ठा किया गया है और जलाया जा रहा है, जिससे चारों ओर धुआं फैल रहा है और वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। एक ओर जहां सरकार और प्रशासन वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह के कदम उठा रहे हैं, वहीं इस तरह की घटनाएं उनकी योजनाओं पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं।
वायु प्रदूषण, खासकर सर्दियों में, आगरा जैसे शहरों में एक बड़ी समस्या बन गया है। फसल अवशेष जलाने, वाहनों का धुआं, और औद्योगिक प्रदूषण जैसी कई वजहों से पहले ही यहां वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है। ऐसे में कूड़े में आग लगाने से धुएं के साथ हानिकारक गैसें और जहरीले तत्व हवा में घुलते हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है।
आगरा प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाए। स्थानीय नागरिकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जागरूकता और सतर्कता से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। स्वच्छता को बनाए रखना, कूड़ा-कचरा सही जगह पर फेंकना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना आवश्यक है।
अगर प्रशासन इस तरह के कूड़े जलाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाता है और जनता को जागरूक करता है, तो हम एक स्वच्छ और स्वस्थ आगरा की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।