-मोरबी हादसे पर बहस में डूबे लोग अपने आसपास की सच्चाई से फेर लेते हैं मुंह
-लगातार होते रहे हादसों के बाद भी जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध
मथुरा। विकास की इस गाथा पर तो रोना आता है। गुजरात के मोरबी में हुए हादसे पर बहस में डूबे लोग अपने आसपास की सच्चाई पर मुहं फेर लेते हैं। मथुरा जनपद में एक दो नहीं दर्जनों की संख्या में नहर, नालों, राजवाह के ऊपर अंग्रेजों के समय के खडे जर्जर पुलों से प्रतिदिन हजारों लोग गुजर रहे हैं। इन पुलों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। जिम्मेदार विभागों के द्वारा इन पुलों की सुध नहीं ली जा रही। जबकि कई पुल ऐसे हैं कि पुलों के दोनों साइड में दीवार पूरी तरह खत्म हो चुकी है। जिसकी वजह से लोग नहर, नाले व रजवाह में वाहन सहित गिर जाते हैं और कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इन बड़े हादसों के होने के बाद भी सिंचाई विभाग के द्वारा कोई सबक नहीं लिया गया।
इन पुलों पर हर वर्ष सर्दी के मौसम में कोई साइन बोर्ड या रिफ्लेक्टर नहीं होने की वजह से पुल का पता नहीं लग पाता है। जिसकी वजह से नहर में बाइक कार आदि बड़े वाहन कूद जाते हैं और लोग दुर्घटना में घायल भी हो जाते हैं। कोसी शेरगढ़ रोड पर गांव पैगाम के पास में शेरगढ़ रजवाह पर बने अंग्रेजों के जमाने के जर्जर पुलों से रोज गुजर रहे है।
लगभग डेढ़ वर्ष पहले हरियाणा से गांव जटवारी में भात नोतने के लिए आए थे तभी लौटते समय रात्रि में ईको गाड़ी पुल से नीचे कूद गई थी जिसमें बच्चों सहित लगभग आठ लोग घायल हो गए थे जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। उसके बावजूद भी आज तक इस पुल की मरम्मत नहीं की गई लगभग तीन वर्ष पहले भी इसी पुल पर धुलेंडी के दिन गांव अजीजपुर के रहने वाले दो बाइक सवार नौहझील की तरफ अपनी रिश्तेदारी में होली खेलने के लिए जा रहे थे, तभी बाइक सवार युवक इस पुल पर टकराकर नीचे गिर गए थे। जिन की मौके पर ही मौत हो गई थी।
शेरगढ़ राजवाह पर ही छाता पैगाम रोड पर बने पुल की भी दीवार कई वर्षों से टूटी हुई है। जिसकी वजह से अंधेरे में कई गाड़ियां नहर में कूद गई है और कई बाइक सवार कूदकर घायल हो चुके हैं। बार-बार शिकायत करने के बाद भी सिंचाई विभाग के कान पर जू तक नहीं रेंग रही गांव पैगाम के रहने वाले पीतम का कहना है कि छाता की तरफ से आते समय यह पुल दिखाई नहीं देता है जिसकी वजह से कार और बाइक सवार उसमें कूद जाते हैं और घायल हो जाते हैं जबकि कई लोग जान भी गंवा चुके हैं फिर भी आज तक सिंचाई विभाग के द्वारा इस पुल की मरम्मत नहीं की गई यह पुल अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था।