मुख्यमंत्री ने महिला आयोग को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी; नारी शक्ति वंदन अधिनियम शीघ्र लागू होगा, महिला आयोग को कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश

Dharmender Singh Malik
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मुख्यमंत्री से मुलाकात करती उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवगठित राज्य महिला आयोग को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि आगामी नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत महिलाओं के लिए आरक्षण के साथ, महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करना भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा, “महिला आयोग को स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और बीसी सखियों को मार्गदर्शन देना चाहिए। साथ ही, महिलाओं के लिए चल रही सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना भी आयोग का दायित्व है। आयोग को महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम लगाने के लिए भी काम करना चाहिए। 1090 हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाने के लिए सुझाव देने की भी उन्होंने अपील की।

आगरा: मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवगठित राज्य महिला आयोग को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम जल्द ही लागू होने वाला है, जिसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की कुल सीटों में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी। प्रदेश की महिलाओं को इसका वास्तविक लाभ दिलाने के लिए उनके नेतृत्व क्षमता विकास के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। राज्य महिला आयोग इस दिशा में एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार करे।

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मुख्यमंत्री ने महिला आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक में आयोग के गठन के उद्देश्यों, दायित्वों और अधिकारों पर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

महिलाओं के नेतृत्व क्षमता विकास में महिला आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका 

उन्होंने कहा कि महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा तथा उनके विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न योजनाएं महिलाओं के हित में चलाई जा रही हैं, और विशेष हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आयोग के पदाधिकारियों को स्थानीय महिलाओं से संवाद करके इन कार्यक्रमों की जानकारी एकत्रित करनी चाहिए और मिली फीडबैक मुख्यमंत्री कार्यालय को पहुंचानी चाहिए। यदि किसी कारणवश किसी को योजना का लाभ नहीं मिला, तो आयोग को संस्तुति करनी चाहिए।

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मुख्यमंत्री ने भिक्षावृत्ति की अवैध गतिविधियों से प्रभावित बच्चों को मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी दी और राज्य महिला आयोग को इस कार्य में सक्रियता से योगदान करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री महिला आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक में भाग लेते हुए।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से वृंदावन में निराश्रित महिलाओं के लिए ‘कृष्णा कुटीर’ स्थापित किया गया है। यहां निवासरत कई महिलाएं शिक्षित हैं और उनके पास विभिन्न हुनर हैं। आयोग को इन महिलाओं की प्रतिभा और क्षमता का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए संवाद करना चाहिए।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम शीघ्र लागू होगा, महिला आयोग को कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने आयोग के पदाधिकारियों को महिला संवासिनी गृहों, अटल आवासीय विद्यालयों, कस्तूरबा विद्यालयों और महिला छात्रावासों का निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया, ताकि वहां की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सुझाव दिए जा सकें।

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महिला एवं बाल विकास मंत्री, विभागीय अधिकारियों और महिला आयोग के बीच बेहतर समन्वय के महत्व पर भी जोर दिया गया।

महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए, उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 1090, 181 और 112 के एकीकरण की जानकारी दी। आयोग को 1090 का भ्रमण कर वहां आने वाली समस्याओं को समझना चाहिए और सुधार के लिए सुझाव देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों, आंगनबाड़ी और बीसी सखी को समय-समय पर मार्गदर्शन देने की अपेक्षा भी व्यक्त की।

बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता चौहान, उपाध्यक्ष श्रीमती अपर्णा यादव, श्रीमती चारू चौधरी और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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