मुख्यमंत्री के आदेशों का सीएमओ पर नहीं पढ़ा कोई असर

admin
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अधिकारियों को फोन उठाने वाले मुख्यमंत्री की आदेश को पलीता लगा रहे मैनपुरी के सीएमओ

मैनपुरी : सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा सभी जनपद के अधिकारियों को सख्त आदेश हैं कि उनके सरकारी नंबर पर आने वाले कॉल को हर हाल में उठाना होगा। यदि उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं की जाती है तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जिसके बाद भी योगी सरकार के अधिकारी उनके ही आदेशों को पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
आपको बता दें कि जनपद मैनपुरी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनाती डॉ. रमेश चंद्र गुप्ता की है। जिनके द्वारा किसी भी आम व्यक्ति तो क्या मीडिया कर्मियों के फोन को भी उठाना मुनासिब नहीं समझा जाता है। समूचे जनपद में यदि कोई अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों को पलीता लगाने में गिनती की जाए तो इन मुख्य चिकित्सा अधिकारी का नंबर अब्बल दर्ज पर आएगा।

बिना पंजीकरण के हॉस्पिटल और झोलाछाप डॉक्टरों का सीएमओ के सरंक्षण में फलफूल रहा गोरखधंधा

वहीं सूत्र बताते हैं कि जनपद में जितने भी बिना पंजीकरण के हॉस्पिटलों का संचालन हो रहा है और जितने भी झोलाछाप डॉक्टर हैं। उनका गोरखधंधा किसी और की मेहरबानी से नहीं फलफूल रहा है। यह मेहरबानी स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सरंक्षण पर ही फलफूल रहा है।

झोलाछाप डॉक्टरों के गलत उपचार से मरीज की मौत होने पर, स्वास्थ्य विभाग की खुल जाती है कुंभकर्णी नींद

वहीं आपको बता दें कि झोलाछाप डॉक्टरों के गलत उपचार से यदि किसी मरीज की मौत हो जाती है तो तत्काल स्वास्थ्य विभाग की कुंभकर्णी नींद खुल जाती है और उस झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध कार्यवाही कर आई इतिश्री पिएं कर ली जाती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अभियान चलाकर अन्य झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ एक नोटिश थमाते हुए उन्हें कार्यालय बुलाया जाता है। जहां से स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी को भेंट चढ़ाकर झोलाछाप डॉक्टर को उनका आशीर्वाद मिल जाता है।

प्रधान हॉस्पिटल में हो चुकी है मरीज की मौत, कार्यवाही के नाम पर सिर्फ एक नोटिस

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मैनपुरी शहर के शमशान घाट रोड पर बने प्रधान हॉस्पिटल के संचालक के गलत उपचार के चलते करीब तीन सप्ताह पूर्व एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं जब इस खबर को मीडिया के द्वारा प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया तो स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा उक्त हॉस्पिटल पर नोटिस चस्पा कर दिया गया और वह हॉस्पिटल दो दिन तक बंद भी रहा। जिसके बाद आखिर दो दिन में ही ऐसे कौनसे दस्तावेज तैयार हो गए जो कि उक्त हॉस्पिटल संचालक के द्वारा धड़ल्ले के साथ डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार किया जा रहा है।


प्रधान हॉस्पिटल का संचालक है बीएएमएस डिग्री धारक

यदि बात हम प्रधान हॉस्पिटल के संचालक डॉ. आनंद शाक्य की डिग्री की करें तो उनके पास बेचकर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिशन ऑफ सर्जरी यानी की बीएएमएस की है। इस डिग्री धारक के द्वारा सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक से संबंधित ही दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसके बाबजूद भी उक्त हॉस्पिटल संचालक के द्वारा धड़ल्ले के साथ हॉस्पिटल पर आए हुए मरीजों को बिना किसी खौफ के अंग्रेजी दवाओं का इस्तेमाल करते हुए ड्रिप तक लगाई जाती हैं।

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