नजीर की नज्मों और गजलों के साथ शहरवासियों ने मनाया ‘जश्न ए बसंत’

BRAJESH KUMAR GAUTAM
3 Min Read
नजीर की नज्मों और गजलों के साथ शहरवासियों ने मनाया ‘जश्न ए बसंत’

आगरा: बसंत पंचमी के पावन अवसर पर आगरा के ताजगंज स्थित शीरोज हैंग आऊट में ‘जश्न ए बसंत’ का आयोजन हुआ, जिसमें नजीर अकबराबादी की नज्मों और गजलों ने शहरवासियों को अपनी ओर आकर्षित किया। इस शानदार कार्यक्रम का आयोजन अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इम्मोर्टालिटी और छांव फाउंडेशन द्वारा किया गया था।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रसिद्ध गजल गायक सुधीर नारायन और उनके सहयोगी ग्रुप ‘हॉरमनी’ ने अपनी संगीतमयी प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने नजीर अकबराबादी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि नजीर एक ऐसे कवि थे जिन्होंने मजहब की सीमाओं से परे रहते हुए आम लोगों के लिए गज़लें और नज्में लिखी। उनके गीतों में जीवन के संघर्ष, प्रेम और भाईचारे का संदेश साफ झलकता है।

See also  पूर्व सैनिकों ने दिखाए कड़े तेवर तो हरकत में आया तहसील प्रशासन

सुधीर नारायन और उनकी टीम ने ‘बंजारा नामा’, ‘क्या क्या कान्हू कृष्ण कन्हैया का बालपन’, ‘जय बोलो कृष्ण कन्हैया की’, ‘हज़रात सलीम चिस्ती’, ‘होली- जब फागुन रंग झमकते’, ‘सब की तो बसंत है, यारों का बसंता’, ‘दूर से आये सुनके-ग़ज़ल’, और ‘उसके सहारे हुस्ने’ जैसी प्रस्तुतियों से माहौल को खुशनुमा और उल्लासपूर्ण बना दिया।

9 नजीर की नज्मों और गजलों के साथ शहरवासियों ने मनाया ‘जश्न ए बसंत’

इस दौरान, राजीव सक्सेना, आरिफ तैमूरी और अन्य वक्ताओं ने नजीर और बसंत पर्व से जुड़ी बृज क्षेत्र की परंपराओं पर भी विस्तृत चर्चा की। अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इम्मोर्टालिटी के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शहरों की पहचान उनकी संस्कृति से होती है और आगरा में इस प्रकार के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत जरूरी है। उन्होंने मेट्रो स्टेशन “पुरानी मंडी” की दीवारों पर नजीर की कविताएं लिखने का सुझाव दिया ताकि जनकवि नजीर को श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके।

See also  देहात क्षेत्र में रामभक्तों में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर जोश, घर-घर पहुंचा रहे अक्षत

छांव फाउंडेशन के आशीष शुक्ला ने भी कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि बसंत पंचमी न सिर्फ एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह आगरा की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी है। उन्होंने इस अवसर पर मांग की कि सरकार इसे सार्वजनिक रूप से मनाने के लिए एक व्यापक योजना बनाये, जिससे आगरा की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा सके।

कार्यक्रम में असलम सलीमी, डॉ. मधु भारद्वाज, महेश धाकड़, सय्यद शाहीन हाश्मी, अजय तोमर, दीपक प्रह्लाद अगरवाल और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान शीरोज हैंगआउट की एसिड अटैक सर्वाइवर भी उपस्थित थीं, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया।

See also  पूर्व सैनिकों ने दिखाए कड़े तेवर तो हरकत में आया तहसील प्रशासन
Share This Article
Leave a comment