आगरा में गधापाड़ा रेलवे का गुड्स यार्ड बिकने पर नागरिक संगठनों का विरोध, रेलवे से रिव्यू की मांग

Rajesh kumar
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आगरा में गधापाड़ा रेलवे का गुड्स यार्ड बिकने पर नागरिक संगठनों का विरोध, रेलवे से रिव्यू की मांग
आगरा, 2 जनवरी: आगरा के गधापाड़ा रेलवे गुड्स यार्ड की बिक्री को लेकर नागरिक संगठनों ने गंभीर आपत्ति जताई है। रेलवे की यह संपत्ति अब निजी हाथों में जा चुकी है, और इसके बाद यहां शीघ्र ही रेलवे की निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत, आवश्यकता के अनुसार पेड़ काटे गए हैं, जिससे स्थानीय नागरिक संगठनों में इस ‘हरियाली हानि’ को लेकर विरोध पैदा हो गया है।

संगठनों ने उठाई आवाज

नागरिक संगठनों जैसे कि सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा, रिवर कनेक्ट कैंपेन टीम और अन्य संगठनों ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए रेल मंत्री से इस बिक्री की पुन: समीक्षा करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह बिक्री ताजमहल की सुरक्षा के संदर्भ में और आगरा के नागरिक हितों के खिलाफ है। संगठनों ने मांग की है कि इस ‘सेल डीड’ की समीक्षा ताज त्रैपेजियम जोन अथॉरिटी से करवायी जाए और जो भी रिपोर्ट आए उसे सार्वजनिक किया जाए।

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रिव्यू के बाद उठाए जाएं कदम

संगठनों का यह भी कहना है कि रेलवे को समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इसके साथ ही, आगरा विकास प्राधिकरण से यह अपेक्षित है कि वह आगरा की अवस्थापना जरूरतों के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करें। रेल यार्ड को आवासीय परिसर में तब्दील करने के लिए जो निर्णय लिया गया है, उसे पूरी तरह से मनमाना करार दिया गया है, और नागरिक आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया है।

आवासीय परियोजना पर सवाल

नागरिक संगठन यह भी जानना चाहते हैं कि रेलवे यार्ड के स्थान पर जो आवासीय परिसर विकसित किया जाएगा, उसमें एक हजार से अधिक आवासीय संपत्तियां बनने की बात की जा रही है। संगठन यह पूछते हैं कि इन आवासीय संपत्तियों में रहने वाले नागरिकों के लिए पेयजल, घरेलू कार्यों के लिए पानी, और सीवर की सुविधाओं का क्या इंतजाम किया जाएगा। इस क्षेत्र में मौजूदा नागरिक सुविधाएं पहले से ही अपर्याप्त हैं, और इनमें सुधार की आवश्यकता है।

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आवश्यक सुविधाओं का अभाव

सिविल सोसाइटी हमेशा से नागरिकों की अवस्थापना सुविधाओं के प्रति प्रतिबद्ध रही है, और वह यह आवाज़ उठाती रही है कि जो मौजूदा सुविधाएं हैं, वे किसी नए प्रोजेक्ट में शामिल होने लायक नहीं हैं। ऐसे में अगर इस क्षेत्र में और आवासीय परियोजनाएं शुरू की जाती हैं, तो नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी हो सकती है।

रेलवे से आधिकारिक जानकारी की मांग

संगठनों का यह भी कहना है कि रेलवे से इस बिक्री के बारे में आधिकारिक जानकारी मिलनी चाहिए। अब तक जो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, वे द्वितीयक माध्यमों से हैं। इस बीच, शहरवासी यह भी जानना चाहते हैं कि रेलवे आगरा में और कौन सी संपत्तियां ‘इन्वेस्टमेंट’ के नाम पर बेचने की योजना में है।

राजनीतिक प्रतिनिधियों से अपेक्षाएं

नागरिक संगठन आगरा के जनप्रतिनिधियों से भी सक्रियता की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे शहर के हितों की रक्षा के लिए और सक्रिय रूप से कदम उठाएं, भले ही वे इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कुछ न कहें।

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प्रेस वार्ता में उपस्थित लोग

इस मुद्दे को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे। इनमें डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य, जगन प्रसाद तेहरिया, शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना, असलम सलीमी और निधि पाठक शामिल थे।

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