लखनऊ : पीपुल्स यूनिटी फोरम और सेट्रल फार प्रोटेक्शन आफ डेमोक्रेटिक राइट्स एंड सेक्यूलरिज्म (सीपीडीआरएस) ने संयुक्त रूप से हजरतगंज स्थित सीबी सिंह स्मृति हाल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी का विषय था “लोकतंत्र में नागरिक संगठनों की भूमिका”।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में सीपीडीआरएस के राष्ट्रीय पदाधिकारी द्वारिका नाथ रथ ने कहा कि देश में मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। महिलाओं और बच्चों के साथ हिंसा बढ़ रही है और भारत का वैश्विक मानवाधिकार सूचकांक लगातार गिर रहा है।
एडवोकेट वीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता और संगठित होने की स्वतंत्रता पर खतरा मंडरा रहा है। सीबीआई जांच, ईडी छापे और यूएपीए, एनएसए जैसे कानूनों का दुरुपयोग लोगों को डराने के लिए किया जा रहा है।
समाजसेवी वालेन्द्र कटियार ने कहा कि ऐसी स्थिति में सीपीडीआरएस जैसे संगठनों को लोगों के मौलिक अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी। उन्होंने 10 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले एक राष्ट्रीय सम्मेलन की जानकारी दी, जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी।
संगोष्ठी के अध्यक्ष, सोशलिस्ट-गांधीवादी चिंतक रामकिशोर ने कहा कि नागरिक संगठनों को लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए नागरिक समाज की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।