पवन चतुर्वेदी
एटा (जैथरा)। त्योहारों के समय दूषित एवं मिलावटी खाद्य पदार्थो के विरुद्ध एक के बाद एक धुआंधार छापेमारी और कार्यवाही होती है लेकिन शायद इसके बाद शायद अधिकारियों को आरमपरस्ती की लत लग जाती है , जिसका फायदा उठाकर कुछ लोग सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर खाद्य पदार्थों संबंधी सभी नियम और कानून के साथ जनता के स्वास्थ्य से बिना किसी भय के खुलेआम खिलवाड़ करते हैं ।
जनपद एटा की तहसील अलीगंज के कस्बा जैथरा में बिना किसी रोक टोक के जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है , और सबसे बड़ी बात यह कि कस्बा जैथरा में सड़क किनारे खुलेआम होने वाले इस कार्यक्रम पर अब तक ना तो किसी जिम्मेदार सरकारी अधिकारी की निगाह पड़ी है और ना खाद्य निरीक्षक की ।
कस्बा जैथरा में बिजली घर के पास खुलेआम सड़क पर यह मांस बेचा जाता है ।
इन मांस विक्रेताओं के पास ना तो मांस बेचने का वैध लाइसेंस है , ना मांस को संक्रमण से बचने की व्यवस्था है ना किसी प्रकार की कोई साफ सफाई है , बस सड़क किनारे पिंजरों में बंद जीवों को काटकर धूल मिट्टी से सना हुआ मांस जनता को खाने के लिए बेच दिया जाता है , अवैध मांस विक्रेता अपनी जेबें भरने में मस्त हैं , उन्हें किसी नियम कायदे कानून से या किसी के स्वास्थ्य से कोई वास्ता नहीं है , धूल मिट्टी से सने हुए इस मांस को खाकर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो जाए इससे इन मांस विक्रेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता।
सबसे बड़ा सवाल, नियम कानूनों को ताक पर रखने वाले ये अवैध मांस व्यापारी कार्यवाही से कैसे बचे हुए हैं जबकि इनके सामने से जिले के अनेकों बडे अधिकारियों के वाहन गुजरते हैं, जनपद एटा के तेजतर्रार जिलाधिकारी समय-समय पर अधिकारियों को कर्तव्य निष्ठा का पाठ पढ़ते रहते हैं , इसके बाद भी खुलेआम सड़क के किनारे हो रहे इस अवैध मांस के व्यापार पर खाद्य निरीक्षक या अन्य किसी प्रशासनिक अधिकारी की दृष्टि नहीं पड़ी या फिर जानबूझकर दृष्टि बचा ली जाती है और इससे भी बड़ा सवाल क्या यह अवैध कार्यक्रम ऐसे ही चलता रहेगा या इस पर रोक लगेगी ?