ग्वालियर: भितरवार के पूर्व तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था, लेकिन अब उनका कोई अता-पता नहीं है. 10 जनवरी को कलेक्टर रुचिका चौहान ने उन्हें भितरवार के तहसीलदार पद से हटाकर कार्यालय अधीक्षक भू-अभिलेख में अटैच करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन तब से उन्होंने नए कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है.
महिला द्वारा लगाए गए आरोप
एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उसने शत्रुघ्न सिंह चौहान को अपना पति बताया है और आरोप लगाया है कि उनकी कई पत्नियां हैं. महिला ने इस मामले में तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है.
तहसीलदार का लापता होना
तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान के वर्तमान ठिकाने के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. भू-अभिलेख कार्यालय के कर्मचारियों से जब इस बारे में पूछा गया, तो वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए और कहा कि उन्हें वहां नहीं देखा गया है. चर्चा है कि वे अपने खिलाफ दर्ज शिकायत के मामले में उलझे होने के कारण ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं.
पहले भी लग चुके हैं यौन उत्पीड़न के आरोप
यह पहली बार नहीं है जब शत्रुघ्न सिंह चौहान विवादों में आए हैं. इससे पहले भी उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लग चुके हैं. जब वे सिटी सेंटर तहसील के तहसीलदार थे, तब उनके खिलाफ एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच स्थानीय परिवाद समिति द्वारा की गई थी. इस आरोप के बाद उन्हें सिटी सेंटर से हटाकर कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया गया था, जिसके कुछ समय बाद उन्हें भितरवार भेज दिया गया था.
नवीनतम शिकायत का विवरण
थाटीपुर क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने शिकायत में बताया है कि 2008 में शत्रुघ्न सिंह चौहान उनके संपर्क में आए थे, उस समय वे भिंड में एक रेत कंपनी के साथ मिलकर व्यवसाय करते थे. महिला के जेठ के साथ शत्रुघ्न सिंह की दोस्ती थी. महिला के पति की मृत्यु के बाद, शत्रुघ्न सिंह ने उससे शादी करने की इच्छा जताई और उसके जेठ को 15 लाख रुपये भी दिए. महिला के अनुसार, शत्रुघ्न सिंह ने उसे अलग-अलग जगहों पर रखा और उसका कई बार गर्भपात कराया. महिला ने 2013 में दुष्कर्म का आरोप भी लगाया है. शिकायत में यह भी बताया गया है कि शत्रुघ्न सिंह की चार पत्नियां हैं और इस संबंध में 17 दिसंबर 2014 को पड़ाव थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस ने उस समय कोई कार्रवाई नहीं की थी.