भागलपुर: बिहार के भागलपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बैंक ऑफ बड़ौदा के एक सीएसपी (ग्राहक सेवा केंद्र) संचालक ने 100 से अधिक खाताधारकों के खातों से करीब 40 लाख रुपये की हेराफेरी कर डाली। आरोपी ने खाताधारकों के बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके अवैध तरीके से पैसे निकाले। जब इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ, तो आरोपी सीएसपी संचालक प्रवीण कुमार मेहता कागजात लेकर फरार हो गया।यह मामला नवगछिया अनुमंडल के खरीफ थाना क्षेत्र के चोरहर गांव से सामने आया है। खाताधारकों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को सीएसपी के एफआई समन्वयक रोशन कुमार के साथ दर्जनों खाताधारक खरीक थाना पहुंचे और उन्होंने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद आरोपित प्रवीण कुमार मेहता के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करवाई गई।
पत्नी और परिवार की मिलीभगत, सभी फरार
पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए पाया कि आरोपी सीएसपी संचालक प्रवीण कुमार मेहता अपनी पत्नी अनीता देवी और अन्य परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर यह धोखाधड़ी कर रहा था। उन्होंने खाताधारकों के बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट का अवैध रूप से इस्तेमाल किया और उनके खातों से पैसे निकाल लिए। इसके बाद, फर्जी रिसीविंग बनाकर खाताधारकों को थमा दिए गए। अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपित ने लगभग 40 लाख रुपये की अवैध निकासी की है, हालांकि जांच के दौरान यह आंकड़ा और भी बढ़ने की संभावना है।
खाता धारकों के अनुसार बैंक कर्मियों की मिलीभगत
खाताधारकों ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में बैंक के कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी। उनका कहना था कि जब भी वह पासबुक अपडेट करने जाते थे, तो बैंक कर्मचारी मशीन खराब होने की बात करते थे, जिससे खाता से हो रही निकासी का पता नहीं चल पाया। पीड़ित खाताधारकों का कहना है कि उनके पैसे का गलत तरीके से निकासी किया गया और बैंक के कर्मचारी इस पूरे मामले में शामिल थे।
इस घोटाले से कई खाताधारकों की जिंदगी पर गहरा असर पड़ा है। एक पीड़ित खाताधारक, सदानंद पंडित ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे जमा किए थे। शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं, रिश्तेदार बार-बार फोन कर रहे थे, लेकिन अब वह उन्हें जवाब नहीं दे पा रहे हैं। यह सब सुनकर उनकी स्थिति और भी कठिन हो गई है।
बैंक का बयान और जांच
बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है और पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय दिलवाने की कोशिश की जाएगी।
घोटाले का बड़ा असर
इस मामले ने बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीएसपी संचालकों और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से इस तरह के घोटाले हो रहे हैं, जिससे आम लोगों का विश्वास बैंकिंग व्यवस्था से उठ सकता है। पुलिस और बैंक प्रशासन अब इस मामले की गहन जांच में जुटे हुए हैं और आरोपियों को जल्द पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।