दिल्ली और उत्तराखंड हाई कोर्ट को मिले नए न्यायाधीश: सरकार ने जारी की अधिसूचना

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी की है। इसके तहत दिल्ली उच्च न्यायालय में दो अधिवक्ताओं और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक न्यायिक अधिकारी को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। यह निर्णय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार और प्रभावशीलता की उम्मीद जताई जा रही है।

दिल्ली उच्च न्यायालय में दो नए न्यायाधीश

दिल्ली उच्च न्यायालय में दो नए न्यायाधीशों के रूप में अधिवक्ता अजय दिगपॉल और हरीश वैद्यनाथन शंकर को नियुक्त किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन दोनों की नियुक्ति से दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायिक प्रक्रिया को और भी प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।

See also  आगरा: बरहन में बेकाबू कार का कहर, स्कूली बच्चों को रौंदा; भीड़ ने कार पलटकर की धुनाई

उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक नया न्यायाधीश

उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी एक नया न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। न्यायिक अधिकारी आशीष नैथानी को उत्तराखंड हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। नैथानी की नियुक्ति से राज्य की न्यायिक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले वर्ष दिसंबर में, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नैथानी के नाम की सिफारिश की थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।

कॉलेजियम की सिफारिश और नियुक्ति प्रक्रिया

सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने अगस्त 2024 में अपनी सिफारिश में कहा था कि अधिवक्ता अजय दिगपॉल और हरीश वैद्यनाथन शंकर को दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया जाए। कॉलेजियम ने इन दोनों अधिवक्ताओं की पेशेवर क्षमता की सराहना की और उनके ईमानदारी के बारे में कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की।

See also  BREAKING NEWS : रामनवमी के दिन हुआ बड़ा हादसा, बावड़ी में गिरे कई श्रद्धालु, मंदिर में मची अफरा-तफरी…

अजय दिगपॉल के मामले में कॉलेजियम ने कहा था कि उनका पेशेवर अनुभव उत्कृष्ट है और उन्होंने हमेशा उच्च मानकों का पालन किया है। वहीं, हरीश वैद्यनाथन शंकर के मामले में भी कॉलेजियम ने उनके न्यायिक कौशल और ईमानदारी को लेकर सकारात्मक राय दी थी।

न्यायिक नियुक्तियों के महत्व पर विशेषज्ञों की राय

न्यायिक नियुक्तियों के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न्यायिक व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वरिष्ठ अधिवक्ता और कानूनी विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा शर्मा ने कहा, “दिल्ली और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह न केवल न्यायपालिका की कार्यकुशलता बढ़ाएगा, बल्कि न्यायिक निष्पक्षता को भी सुनिश्चित करेगा।”

सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों की प्रक्रिया

केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम के बीच नियुक्तियों की प्रक्रिया में कड़ी निगरानी रखी जाती है। हर नियुक्ति से पहले उम्मीदवार के पेशेवर अनुभव, न्यायिक क्षमता और ईमानदारी का मूल्यांकन किया जाता है। दिल्ली और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में हाल ही में की गई नियुक्तियां इस प्रक्रिया की सफलता का प्रतीक हैं।

See also  आगरा पुलिस कमिश्नर का भ्रष्टाचार में संलिप्त पुलिसकर्मियों के लिए दो टूक - या तो सुधर जाओ नहीं तो ......

न्यायपालिका के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह नियुक्ति प्रक्रिया एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो न्यायपालिका के सुधार और उसकी सक्षमता बढ़ाने की दिशा में सरकार और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उठाया गया है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में न्यायपालिका के कार्यों में और अधिक पारदर्शिता और दक्षता देखने को मिलेगी।

 

 

 

See also  प्राधिकरण ने छत्ता वार्ड में अनाधिकृत कॉलोनी को ध्वस्त
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement